भारत
जेल में बंद PFI कैदियों से मिलने पहुंची, 4 संदिग्ध महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया
jantaserishta.com
27 Sep 2021 2:45 AM GMT
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लखनऊ: लखनऊ में गोसाईंगंज जेल में बंद पीएफआई के दो सदस्यों से रविवार को चार महिलाएं मिलने गई थीं। सभी के पास आरटीपीसीआर की रिपोर्ट थी जो जेल कर्मियों की जांच में फर्जी मिली। तत्काल गोसाईगंज पुलिस को चारों महिलाओं को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने देर रात को मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जेलर अजय राय के मुताबिक फरवरी महीने में एटीएस ने पीएफआई के सदस्य केरल निवासी असंद बदरूद्दीन व फिरोज को गिरफ्तार किया था। दोनों को गोसाईंगंज जेल में बंद किया गया है। रविवार को इन दोनों आरोपियों से मिलने केलिए परिवार की चार महिलाएं, पांच बच्चे अपने दो वकील के साथ पहुंची थी। कोविड संक्रमण के कार जेल में मिलने पर प्रशासन ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी कर दिया।
इसी क्रम में बंदियों से मिलने पहुंची महिलाओ की आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जांच की गई। जिसमें तीन महिलाओं की रिपोर्ट फर्जी मिली। मामला संदिग्ध दिखा तो जेल प्रशासन ने सभी को रोक लिया। वहीं गोसाईंगंज पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान वहां काफी हंगामा भी हुआ। जेलर अजय राय के मुताबिक बंदी पीएफआइ के सदस्य थे। इस लिए उनकी मिलाई को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही थी।
गुड़गांव की लैब से जारी हुआ था रिपोर्ट
महिलाओं की आरटीपीसीआर रिपोर्ट गुड़गांव की एक लैब की थीं। लैब को कॉल करके रिपोर्ट के बारे में जानकारी की गई। रिपोर्ट का नबंर बताया गया। इसके बाद लैब के कर्मचारी ने चारों रिपोर्ट मेल पर मांगी। चारों रिपोर्ट लैब की आइडी पर मेल की गई। कुछ देर बाद वहां के कर्मचारी ने वापस फोन करके बताया कि एक रिपोर्ट का सैंपल उनकी लैब में आया था। बाकी की रिपोर्ट का नहीं। जेलर अजय राय ने बताया कि 23 सितंबर को दोनों बंदियों की पेशी थी।
इसके पहले पुलिस कमिश्नर का अलर्ट आया था कि दोनों बंदियों को कोर्ट में भौतिक रूप से पेश करो जाने पर कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसके बाद से सतर्कता और बरती जा रही थी। डीसीपी पश्चिमी सोमेन वर्मा के मुताबिक सभी से पूछताछ करने के बाद गोसाईंगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया है। आगे मामले की जांच गोसाईंगंज पुलिस कर रही है। एसीपी गोसाईंगंज स्वाति चौधरी के मुताबिक जेलर अजय राय की तहरीर पर नाजिमा बदरुद्दीन सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है।
इसी क्रम में बंदियों से मिलने पहुंची महिलाओ की आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जांच की गई। जिसमें तीन महिलाओं की रिपोर्ट फर्जी मिली। मामला संदिग्ध दिखा तो जेल प्रशासन ने सभी को रोक लिया। वहीं गोसाईंगंज पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान वहां काफी हंगामा भी हुआ। जेलर अजय राय के मुताबिक बंदी पीएफआइ के सदस्य थे। इस लिए उनकी मिलाई को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही थी।
गुड़गांव की लैब से जारी हुआ था रिपोर्ट
महिलाओं की आरटीपीसीआर रिपोर्ट गुड़गांव की एक लैब की थीं। लैब को कॉल करके रिपोर्ट के बारे में जानकारी की गई। रिपोर्ट का नबंर बताया गया। इसके बाद लैब के कर्मचारी ने चारों रिपोर्ट मेल पर मांगी। चारों रिपोर्ट लैब की आइडी पर मेल की गई। कुछ देर बाद वहां के कर्मचारी ने वापस फोन करके बताया कि एक रिपोर्ट का सैंपल उनकी लैब में आया था। बाकी की रिपोर्ट का नहीं। जेलर अजय राय ने बताया कि 23 सितंबर को दोनों बंदियों की पेशी थी।
इसके पहले पुलिस कमिश्नर का अलर्ट आया था कि दोनों बंदियों को कोर्ट में भौतिक रूप से पेश करो जाने पर कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसके बाद से सतर्कता और बरती जा रही थी। डीसीपी पश्चिमी सोमेन वर्मा के मुताबिक सभी से पूछताछ करने के बाद गोसाईंगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया है। आगे मामले की जांच गोसाईंगंज पुलिस कर रही है। एसीपी गोसाईंगंज स्वाति चौधरी के मुताबिक जेलर अजय राय की तहरीर पर नाजिमा बदरुद्दीन सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की गई है और मामले की जांच की जा रही है।
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