पेट्रोलियम मंत्रालय का बड़ा फैसला...प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए जाएंगे 50 हजार किराए के घर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों को प्रवासी मजदूरों को किराए पर देने के लिये 50 हजार घर बनाने को कहा है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर लाखों मजदूरों के शहरों से गांवों की ओर पलायन करने के बाद सरकार की किफायती किराये के आवास विकसित करने की योजना है।
इस विषय पर हुई एक बैठक में शामिल तीन अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय चाहता है कि आईओसी और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल), गेल इंडिया लिमिटेड और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्प (ओएनजीसी) जैसे उसके नियंत्रण वाले सार्वजनिक उपक्रम अपने-अपने पास उपलब्ध भूखंडों पर घरों का निर्माण करें।
उन्होंने कहा कि बैठक की अध्यक्षता पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की, जिन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों को जल्द से जल्द आवास इकाइयों के निर्माण की योजना बनाने को कहा है।
मंत्रालय ने पांच अक्तूबर को बैठक के बारे में ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने किफायती आवास योजना के तहत तेल और गैस परियोजनाओं पर काम करने वाले प्रवासियों व शहरी गरीबों को किराये पर मकान देने की दिशा में सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा किये गये प्रयासों की समीक्षा करने के लिये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की।