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ज्यूडिशियल विस्टा के लिए दी गई याचिका, केंद्र सरकार से मांगा गया जवाब

jantaserishta.com
25 April 2022 10:38 AM GMT
Petition given for judicial vista, reply sought from central government
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नई दिल्ली: अत्याधुनिक ज्यूडिशियल विस्टा को लेकर दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राय मांगी है. कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर 'ज्यूडिशियल विस्टा' क्यों नहीं हो सकता? कोर्ट ने याचिका को तर्क सम्मत बताया और केंद्र से दो दिन में पक्ष रखने को कहा गया है. जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने केंद्र से अधिवक्ता अर्धेंदु मौली कुमार प्रसाद द्वारा दायर एक याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा.

ज्यूडिशियल विस्टा के निर्माण की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर अपना पक्ष रखे. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि ये याचिका व्यवहार और तर्क सम्मत है. लिहाजा केंद्र सरकार इस मामले पर बताए कि उसकी सोच क्या है? कोर्ट ने कहा कि सरकार का पक्ष एक या दो दिन में कोर्ट के सामने रखे. इसके बाद मामले की सुनवाई होगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी ज्यूडिशियल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सहमति जताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सेंट्रल विस्टा की तरह ही ज्यूडिशियल विस्टा भी होना चाहिए. उन्होंने ने कहा कि चीजें सुनियोजित होनी चाहिए. दरअसल, अर्धेंदु मौली कुमार प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट परिसर के आस पास ज्यूडिशियल विस्टा का निर्माण किए जाने की मांग की है. याचिका में इस मुख्य मांग के साथ देश भर में न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार द्वारा विशेष रूप से एक स्वतंत्र केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना किए जाने का भी जिक्र किया है.

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