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याचिका खारिज, मेडिकल पीजी की सीटों को भरने के लिए नहीं होगी अतिरिक्त काउंसलिंग

jantaserishta.com
10 Jun 2022 8:05 AM GMT
याचिका खारिज, मेडिकल पीजी की सीटों को भरने के लिए नहीं होगी अतिरिक्त काउंसलिंग
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी (NEET PG) की खाली पड़ी 1,456 सीटों को भरने के लिए अतिरिक्त राउंड की काउंसलिंग की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि पहले ही काउंसलिंग के 9 राउंड हो चुके हैं, अब एक और नये राउंड की परमिशन नहीं दी सकती.

कोर्ट ने कहा कि एक अतिरिक्त काउंसलिंग राउंड की वजह से मेडिकल स्टूडेंट्स के एकेडमिक सेशन में देरी होगी. कोर्ट ने कहा कि 40,000 सीटों में से केवल 1,456 खाली सीटें हैं. इन सभी को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी जा सकती है. इस याचिका पर विचार करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा.
जज एमआर शाह ने कहा, "याचिकाकर्ता खाली सीटों के लिए अतिरिक्त काउंसलिंग राउंड की गुजारिश कर रहे हैं, जो ज्यादातर नॉन-मेडिकल ​​​​सीटें हैं. हमने माना है कि केंद्र को एडमिशन पूरा करने के लिए शेड्यूल का पालन करना होगा. 8 से 9 राउंड की काउंसलिंग की गई थी, फिर भी, कुछ नॉन-मेडिकल ​​​​सीटें खाली हैं. ऐसे में, अतिरिक्त काउंसलिंग की बात नहीं मानी जा सकती. मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है."
सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ज्यादातर खाली सीटें एनाटॉमी, बायोलॉजी आदि फील्ड की हैं जो रिसर्च और टीचिंग फील्ड की हैं. इनमें डॉक्टर के रूप में काम करने की कोई संभावना नहीं है और यही कारण है कि बहुत कम स्टूडेंट्स इस फील्ड को चुनते हैं. केंद्र ने यह भी बताया कि इस लेवल पर खाली सीटों को भरने के लिए एक अतिरिक्त राउंड नीट पीजी 2022 के लिए काउंसलिंग पर भी असर डालेगा क्योंकि सिक्‍योरिटी डिपोजिट की वापसी पहले ही शुरू हो चुकी है.
बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पोस्टग्रेजुएट (NEET PG) के सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में 1400 से ज्यादा सीटें खाली रहने देने पर केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) को फटकार लगाई थी.
बेंच NEET PG सुपर स्पेशियलिटी सिलेबस के लिए अतिरिक्त राउंड की काउंसलिंग के आदेश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. अदालत ने कहा कि मई में हुए अतिरिक्त राउंड के बाद भी 1,456 सीटें खाली हैं. जज अनिरुद्ध बोस और जज एमआर शाह की पीठ ने कहा, "अगर आप प्रक्रिया के बीच में सीटों को जोड़ते हैं तो आप एडमिशन में भ्रष्टाचार का मौका दे रहे हैं," इसपर केंद्र के वकील ने कहा कि रिक्तियों के कारणों में से एक यानी बाद में 140 से ज्यादा सीटें जोड़ी गईं.
जज एमआर शाह ने कहा कि सिसटम में अक्षमता छात्रों के तनाव के स्तर को बढ़ा रही है. उन्होंने MMC और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) से तुरंत स्पष्टीकरण की मांग की है.
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