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कामाख्या मंदिर के गर्भगृह के दर्शन की दी इजाजत, कल से हर घंटे 20 लोगों को मंजूरी

Deepa Sahu
17 Aug 2021 10:18 AM GMT
कामाख्या मंदिर के गर्भगृह के दर्शन की दी इजाजत, कल से हर घंटे 20 लोगों को मंजूरी
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असम के प्रसिद्ध कामख्या मंदिर में 18 अगस्त यानी सोमवार से हर घंटे 20 लोगों को गर्भगृह (Garbhagriha) का दर्शन करने की इजाजत होगी.

असम के प्रसिद्ध कामख्या मंदिर में 18 अगस्त यानी सोमवार से हर घंटे 20 लोगों को गर्भगृह (Garbhagriha) का दर्शन करने की इजाजत होगी. इस बात की जानकारी कामख्या देवालय प्रबंधन समिति (Kamakhya Devalaya Management Committee) ने मंगलवार को दी. समिति ने बताया कि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वो गर्भगृह का दर्शन कर सकते हैं.

कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7 किमी दूर है. ये शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत से 10 किमी की दूरी पर स्थित है. जहां न केवल देश के लोग बल्कि अलग-अलग देशों से भी इस मंदिर में देवी के दर्शन करने आते हैं. ये मंदिर हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख स्थल है.
11 प्रतिशत आबादी को लगी वैक्सीन
वहीं, असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने मंगलवार को कहा कि अभी तक राज्य में 11 प्रतिशत पात्र आबादी ने कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज ली है. उन्होंने दावा किया कि राज्य में वैक्सीन का पर्याप्त भंडार है और उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगवाने की भी अपील की. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महंत ने कहा, 'आज की तारीख तक 1.18 करोड़ लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है जबकि 25.21 लाख लोगों ने दूसरी डोज भी ले ली है.'
उन्होंने बताया कि 51 प्रतिशत लोगों ने पहली डोज ले ली है और 11 प्रतिशत ने दोनों डोज ले ली है. मंत्री ने पहले राज्य विधानसभा को बताया था कि राज्य की 3.50 करोड़ की आबादी में से करीब 2.37 करोड़ लोग 18 साल से अधिक की आयु के हैं यानी कि वे वैक्सीन लगवाने की पात्र हैं. राज्य में पर्याप्त कोविड-19 वैक्सीन होने का दावा करते हुए उन्होंने पात्र लोगों से आगे आकर वैक्सीनेशन करवाने का आग्रह किया.


वहीं, असम के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने मंगलवार को कहा कि राज्य के लिए संशोधित कोविड एसओपी के मुताबिक, कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले को छोड़कर यात्रियों को अंतर-जिला आवाजाही की अनुमति दी गई है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना की ​​​​स्थिति में सुधार के मद्देनजर सोमवार शाम को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में एसओपी में ढील देने का फैसला लिया गया.


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