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जम्मू-कश्मीर में अब लोग बन सकेंगे स्थाई निवासी के पात्र, सरकार जारी करेगी डोमिसाइल सर्टिफिकेट
Renuka Sahu
21 July 2021 5:54 AM GMT
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फाइल फोटो
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू के स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नियमों के मुताबिक अब दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग, जिन्होंने कश्मीरी महिला से शादी की है. उनके पति भी अब स्थायी निवासी बन सकते हैं. सरकार उनके लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करेगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू के स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नियमों के मुताबिक अब दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग, जिन्होंने कश्मीरी महिला से शादी की है. उनके पति भी अब स्थायी निवासी बन सकते हैं. सरकार उनके लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करेगी.
जम्मू और कश्मीर में जब तक अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए लागू था, तब तक ऐसी दशा में सिर्फ महिला ही कश्मीर की स्थायी निवासी रहती, उसके बच्चों और पति को इस दायरे से बाहर रखा गया था. अगर कश्मीरी पुरुष किसी महिला से शादी करता था तो उसे और उसके बच्चों को स्थायी निवासी माना जाता था.
Jammu & Kashmir government to issue domicile certificate to the spouse of a native woman. Earlier J&K women who were married outside the UT, made their spouse ineligible for UT's domicile. pic.twitter.com/SeZdLs2Mbe
— ANI (@ANI) July 21, 2021
पुरुषों को नियम से पहले दी थी ढील
वहीं पुरुषों के सबंध में इस नियम के पूर्व ढील मिली हुई थी. वे किसी भी दूसरे राज्य की महिला से शादी कर सकते थे, उससे होने वाले बच्चे कश्मीर के स्थायी निवासी ही माने जाते. कहा जा रहा है कि प्रशासन का यह कदम लैंगिक असमानता खत्म करने के लिए है. जम्मू और कश्मीर प्रशासन की ओर से यह अधिसूचना 20 जुलाई, 2021 को जारी की गई है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को इस धारा को हटाने का प्रस्ताव रखा था. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव पेश किया था. 6 अगस्त को इसी प्रस्ताव को लोकसभा में रखा गया था, जो दोनों सदनों में चर्चा के बाद पास हो गया था. अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द कर दिया गया था.इस अनुच्छेद की वजह से देश के कई कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे. अब इन अनुच्छेदों के हटने के बाद से ही लगातार जम्मू और कश्मीर के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं.
दरअसल संविधान का अनुच्छेद 35 ए से जम्मू-कश्मीर की सरकार और वहां की विधानसभा को ही स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता था. राज्य सरकार को पहले यह अधिकार था कि देश के बाकी हिस्सों के नागरिकों को स्थानीय निवासी का अधिकार दे या नहीं. अनुच्छेद 35 एक, अनुच्छेद 370 का एक हिस्सा था, जिसके चलते किसी भी दूसरे राज्य का नागरिक, जम्मू और कश्मीर में न संपत्ति खरीद सकता था, न ही स्थायी नागरिक बनकर रह सकता था.
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