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कुनो नेशनल पार्क में इन चीतों को देखने के लिए लोगों को धैर्य दिखाना होगा, आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

jantaserishta.com
17 Sep 2022 6:44 AM GMT
कुनो नेशनल पार्क में इन चीतों को देखने के लिए लोगों को धैर्य दिखाना होगा, आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रिका के नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया गया है. जिन्हें शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया. इसके साथ ही भारत में 74 साल बाद फिर से चीतों की आवाज सुनाई देगी. चीते छोड़े जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी. आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है.
पीएम ने कहा कि आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं. और मैं ये भी कहूंगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है. मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं, जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं. ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है. ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है. विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं. कूनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहां का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से restore होगा, biodiversity और बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है. कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा.


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