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गर्म कोयले पर नंगे पैर चले लोग, मनाया होलिका दहन उत्सव

Nilmani Pal
7 March 2023 1:42 AM GMT
गर्म कोयले पर नंगे पैर चले लोग, मनाया होलिका दहन उत्सव
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गुजरात। सूरत के ओलपाड में होलिका दहन उत्सव के दौरान लोग गर्म कोयले पर नंगे पैर चलते देखे गए।

होलिका दहन की कहानी

असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शंकर से ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। । दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे प्रह्लाद की जान बच गई और होलिका जल गई।

होलिका का इतिहास

होलिका राक्षसी भक्त प्रहलाद की बुआ थी। जब हिरण्यकश्यपु कई तरीको से भक्त प्रहलाद को न मार पाया तब अपने भाई असुर हिरण्यकश्यपु के आदेश पर प्रहलाद को मारने के लिए आग में प्रहलाद बच्चे को लेकर बैठ गयी थी। होलिका राक्षसी को ब्रह्मदेव से वरदान प्राप्त था की अग्नि उसका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी अर्थात अग्नि में जलेगी नहीं।

होलिका किसकी पत्नी थी?

हिरण्यकश्यप की बहन होलिका का विवाह इलोजी से तय हुआ था और विवाह की तिथि पूर्णिमा निकली। इधर हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रहलाद की भक्ति से परेशान था। उसकी महात्वाकांक्षा ने बेटे की बलि को स्वीकार कर लिया।

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