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जिला शिक्षा अधिकारी पर लोगों ने फेंकी स्याही, देखें VIDEO...

Shantanu Roy
6 Jun 2023 10:40 AM GMT
जिला शिक्षा अधिकारी पर लोगों ने फेंकी स्याही, देखें VIDEO...
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हिजाब का मामला अब धर्मांतरण में बदल गया
दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी पर स्याही फेंकी गई. जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा ने बताया कि कुछ संदिग्ध लोगों ने अचानक मेरे उपर स्याही फेंक दी. मैं उनके नाम नहीं जानता हूं. वे किसी गंगा-यमुना प्रकरण की बात कर रहे थे, जिसकी मुझे जांच भी नहीं दी गई है. इनके कुछ बिल बकाया रह रहे थे. वे लेट जमा करने के कारण पैसे लैप्स हो गए, तो बदले की भावना से उन्होंने ऐसा किया।
दमोह‎ में हिजाब से शुरू हुआ गंगा जमना स्कूल विवाद अब धर्मांतरण में बदल गया है। स्कूल प्रबंधन पर टीचरों के धर्मांतरण के आरोप लग रहे हैं। मंगलवार को कुछ भाजपाइयों ने डीईओ (डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर) पर स्याही फेंक दी। डीईओ का कहना है कि यह सब बदले की भावना से किया गया है। इधर, दोपहर को स्कूल की तीनों टीचर कलेक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने अपने मूल दस्तावेज स्थापना कक्ष में मौजूद अधिकारियों को दिखाए। इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण जैसे आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे बालिग थीं और अपनी मर्जी से प्रेम विवाह करते हुए धर्म परिवर्तन किया है।
उधर, मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश‎ पर गठित की गई टीम ने स्कूल‎ संचालक को अभी तक केवल एक‎ नोटिस जारी किया है। अभी तक न तो‎ बयान लिए गए हैं और न ही‎ दस्तावेजों की जांच हुई है। जबकि‎ आदेश जारी हुए 6 दिन बीत गए हैं।‎ इन सबके बीच स्कूल में तीन‎ शिक्षिकाओं के धर्म परिवर्तन होने के‎ मामले की जांच कराने को लेकर‎ कलेक्टर ने आवेदन न मिलने की बात‎ कही है। उनके मुताबिक जब तक कोई‎ पीड़िता आवेदन नहीं करती। तब तक‎ इस मामले की जांच नहीं हो सकती।
डीईओ एसके मिश्रा ने बताया कि मंगलवार दोपहर वे अपने दफ्तर से निकल रहे थे। कुछ लोग आए, गाड़ी रोकने लिए कहा और अचानक स्याही फेंक दी और जय श्री राम के नारे लगाने लगे। मैं उनके नाम जानता हूं। वे दमोह के ही रहने वाले हैं। वे गंगा जमना स्कूल मामले में यह सब करने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है। न इस मामले में मुझे कोई जांच सौंपी गई है, न ही मैंने कोई रिपोर्ट सब्मिट की है।
एसके मिश्रा ने बताया कि पूरे मामले की जांच हाई पावर कमेटी को दी गई है। स्याही फेंकने वालों में से एक-दो चेहरों को मैंने देखा है। इनके कुछ बिल पेंडिग थे। इन्होंने बिल लेट जमा किया था, इसलिए पेमेंट लैप्स हो गया था। संभवत: बदले की भावना से ही यह किया गया होगा। ये बिल अनुरक्षण वाले थे। कुछ स्कूलों की मरम्मत करवाई गई थी। बजट आएगा तो पेमेंट कर दिया जाएगा। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद कानूनी कार्रवाई के बारे में साेचूंगा। भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित गोलू बजाज का कहना है कि गंगा जमना स्कूल वालों ने संपूर्ण सनातन का अपमान किया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने पैसे लेकर मामले को रफा-दफा किया। जिला शिक्षा अधिकारी का मुंह काला करके हमने उसी का जवाब दिया है।
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