कर्नाटक में लोगों को सौहार्द्र के साथ रहना चाहिए : डिप्टी सीएम शिवकुमार
कर्नाटक। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को एक मठ के पुजारी के आरोपों पर बयान जारी कर कहा कि राज्य में लोगों को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से रहना चाहिए और धार्मिक तनाव नहीं फैलाना चाहिए। एक पुजारी ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि उन्हें कर्नाटक में एक मंदिर में प्रवेश करने से रोका …
कर्नाटक। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को एक मठ के पुजारी के आरोपों पर बयान जारी कर कहा कि राज्य में लोगों को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से रहना चाहिए और धार्मिक तनाव नहीं फैलाना चाहिए।
एक पुजारी ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि उन्हें कर्नाटक में एक मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था। उपमुख्यमंत्री ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कर्नाटक में कोई अस्पृश्यता नहीं है। हम सब एक हैं और हमें सौहार्द्रपूर्वक रहना चाहिए। मंदिर सभी लोगों के लिए खुले रहेंगे।" शिवकुमार ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली और वह इस मुद्दे पर मुजाराई विभाग के अधिकारियों और जिला प्रभारी मंत्री के साथ चर्चा करेंगे।
कुरुबा (चरवाहा) समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कागिनेले कनक मठ के पुजारी ईश्वरानंदपुरी स्वामी ने दावा किया कि उन्हें उनकी "जाति के कारण कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले के बगुरू गांव में चेन्नाकेशव मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी"।
उन्होंने शुक्रवार को चित्रदुर्ग जिले के सानेहल्ली में 'परिवर्तन की राह में धार्मिक मठ' विषय पर एक सेमिनार में हिस्सा लेते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "कुरुबा समुदाय के एक पुजारी के मंदिर में प्रवेश करते ही मंदिर की सफाई कर दी गई। मैं फिर कभी चेन्नाकेशव मंदिर के अंदर अपने पैर नहीं रखूंगा।" उन्होंने कहा कि वह वैकुंठ एकादशी के अवसर पर मंदिर गये थे। जबकि पुजारियों से जुड़ी सभी महिलाओं को मंदिर के अंदर जाने दिया गया था, लेकिन मठ का पुजारी होने के बावजूद उन्हें मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता था कि मंदिर मुजाराई विभाग के अधीन है। यदि मुझे पता होता तो मैं संत कनकदास की तरह विरोध-प्रदर्शन करता।"