रेवाड़ी। एचआईवी संक्रमण से होने वाली जानलेवा बीमारी एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल एक दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद बीमारी के खिलाफ दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने, एचआईवी से पीड़ित लोगों के साथ समर्थन दिखाने, एड्स से मरने वालों को याद करने और नए संक्रमणों को रोकने के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। आज रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में भी एड्स दिवस पर एक जागरूकता रैली निकाली गई, जिसे एड्स नोडल अधिकारी दीपक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि एचआईवी पॉजिटिव होना और एड्स होना दोनों अलग बातें हैं। रेवाड़ी जिले में 958 एड्स के मरीज है जो ART सेंटर में अपना इलाज ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियमित दवाइयां खाने वाले मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 2250 रुपए प्रति महीना पेंशन भत्ता राहत राशि भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इन सभी बातों में अगर ध्यान रखा जाए तो एचआईवी संक्रमित लोगों को एड्स होने से बचाए जा सकता है। जानकारी देते गए बताया कि एड्स के प्रति स्कूल कॉलेज में समय-समय पर जाकर छात्र-छात्राओं और नुक्कड़ नाटक के माध्यमों से आमजन को इसके प्रति जागरूक किया जाता है आज विश्व एड्स दिवस पर रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल से एक रैली निकालकर भी जागरूक किया गया है और आज शाम को भी एड्स जागरूकता कैंडल मार्च निकाला जाएगा। विश्व एड्स दिवस की शुरुआत 1 दिसंबर 1988 से हुई थी। AIDS को लेकर हमारे समाज में सालों से कई मिथक चले आ रहे हैं जिसकी वजह से इस बीमारी से पीड़ित लोगों को शर्मिंदगी और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इन मिथकों को दूर करने और मरीजों की बेहतर देखभाल और उन्हें प्रोत्साहन करने के लिए ही विश्व एड्स दिवस की शुरुआत हुई थी।