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पीसीसी चीफ के सलाहकार ने कांग्रेस के सीएम, गृहमंत्री और पीएम को दी सावधान रहने की सलाह, लगाया गंभीर आरोप

HARRY
13 Aug 2021 1:33 PM GMT
पीसीसी चीफ के सलाहकार ने कांग्रेस के सीएम, गृहमंत्री और पीएम को दी सावधान रहने की सलाह, लगाया गंभीर आरोप
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फाइल फोटो 

चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के चार सलाहकारों में से एक मलविंदर सिंह मल्ली (Malvinder Singh Malli) फेसबुक पोस्ट के चलते विवादों में आ गए हैं. उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पंजाब में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे थे. मल्ली ने अपने पोस्ट में पंजाबियों में अविश्वास का माहौल बनाने की तिकड़ी की करतूत से सावधान रहने को कहा. पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने सिद्धू की तरफ से प्रस्तावित सलाहकार का पद एक दिन पहले ही ठुकराया था.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम से सिद्धू के साथ मिलकर काम करने को कहा था और अमरिंदर को कैबिनेट में फेरबदल का प्रस्ताव पेश करने को कहा था. पंजाब कैबिनेट में एक सीट खाली है. 2019 में सिद्धू के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह खाली हुआ था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरिंदर ने बीते मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडे पर हुई प्रगति की जानकारी दी थी. समझा जाता है कि सिद्धू द्वारा राज्य सरकार को लगातार निशाना बनाए जाने के बारे में भी उन्होंने गांधी को बताया था. सूत्रों ने बताया कि सोनिया ने सलाह दी थी कि पंजाब सरकार और पार्टी की राज्य इकाई को मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने एआईसीसी पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि अमरिंदर और सिद्धू अपनी-अपनी सीमा के भीतर काम करें, लेकिन एक-दूसरे का सहयोग भी करें.

पिछले महीने पार्टी की पंजाब इकाई के नए अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत हुए सिद्धू ने बुधवार को चार सलाहकार नियुक्त किए थे. इनमें फतेहगढ़ साहिब के सांसद डॉ. अमर सिंह, पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा मुस्तफा, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर सिंह मल्ली शामिल हैं. इनमें से मुस्तफा ने सलाहकार बनने से इनकार कर दिया है. हालांकि, सिद्धू द्वारा सलाहकारों की पसंद के खिलाफ कोई भी पार्टी नेता खुलकर सामने नहीं आया है, लेकिन उनका समर्थन करने वालों में से कुछ ने निजी तौर पर अपनी निराशा व्यक्त की है.

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