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पटना: 32 साल पुराने केस में पप्पू यादव गिरफ्तार, मधेपुरा भेजने की तैयारी

Deepa Sahu
11 May 2021 5:38 PM GMT
पटना: 32 साल पुराने केस में पप्पू यादव गिरफ्तार,  मधेपुरा भेजने की तैयारी
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जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी 32 साल पुराने मामले में हुई है।

पटना: जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी 32 साल पुराने मामले में हुई है। पटना में पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद अब उनको मधेपुरा भेजने की तैयारी चल रही है। मंगलवार सुबह में पटना स्थित आवास से पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई तो लॉकडाउन के उल्लंघन समेत अन्य मामलों में अरेस्टिंग के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन शाम होते-होते मामला मधेपुरा से जुड़े एक केस का निकला।

मधेपुरा के एक मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी

आखिरकार मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में दर्ज एक केस में पप्पू की गिरफ्तारी हुई है। जन अधिकार पार्टी के वकील शिवनंदन भारती ने कहा कि वो इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट जाएंगे। पप्पू यादव के खिलाफ मधेपुरा के कुमारखंड थाना कांड संख्या 9/89 दर्ज था, जिसको लेकर कोर्ट ने वारंट जारी किया है। ये समन 22 मार्च 2021 को न्यायालय ने जारी किया था। इसी मामले में पप्पू यादव की गिरफ्ताारी हुई है।
पप्पू यादव की पत्नी ने गिरफ्तारी को साजिश बताया
वहीं, पप्पू यादव की पत्नी और सुपौल की पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने मीडिया में बड़ा बयान दिया है। रंजीत रंजन ने पप्पू यादव की जान को खतरा बताया है। उधर पुलिस कस्टडी से पप्पू यादव ने भी इसी बात दोहराया है और कहा कि सरकार उन्हें मारना चाहती है। पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में उनकी पत्नी रंजीत रंजन ने कहा कि 'पप्पू यादव लगातार अपने घर परिवार को छोड़कर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे। ये पूरी दुनिया देख रही थी। जो हालात देश में और खासकर बिहार में है, उसे देखते हुए जनप्रतिनिधि होने के नाते आमलोगों की मदद करते हैं।'
पप्पू यादव को लेकर पटना जिला प्रशासन ने जारी किया बयान
पप्पू यादव को लेकर पटना जिला प्रशासन ने बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और अज्ञात कार्यकर्ताओं के विरुद्ध पीरबहोर थाना में केस संख्या 199/21 दर्ज किया गया है। इसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 143 /188 /269 /353 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51/ 52 /54 तथा महामारी रोग अधिनियम के 3/6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके बारे में पीएमसीएच नियंत्रण कक्ष के प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मसौढ़ी रास बिहारी दूबे और प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने पीरबहोर थाने में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया है। माननीय सांसद और उनके कार्यकर्ताओं ने अधिसूचित आपदा काल में विधि व्यवस्था संधारण में बाधा पहुंचाया है। महामारी एक्ट 1897 का घोर उल्लंघन किया गया है। साथ ही उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग, सरकारी कार्य में बाधा और एपेडमिक कोविड-19 महामारी अधिनियम का उल्लंघन किया गया है।
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