गया. प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम के लिए कोरोना महामारी आपदा में अवसर जैसा हो गया है. मामला फतेहपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर प्रखंड कार्यालय के पास स्थित एक निजी नर्सिंग होम का है. बताया जाता है कि नर्सिंग होम में भर्ती मरीज के परिजन जब एडवांस पैसा नहीं दे पाए तो उसे संचालकों ने निकाल कर सड़क पर छोड़ दिया. दरअसल, फतेहपुर के मतासो गांव के रहने वाले सुरेन मांझी को सांस लेने में परेशानी थी. सात मई को भर्ती कराया गया था. उस समय 90 हजार रुपये जमा करना था लेकिन परिजन 70 हजार ही जमा कर सके थे. वहीं सोमवार को बाकी के 20 हजार रुपये का भुगतान नहीं करने के कारण मरीज को नर्सिंग होम से बाहर निकाल कर सड़क पर छोड़ दिया गया.
अधिकारियों ने नर्सिंग होम को किया सील
इधर, गुस्साए परिजन और नर्सिंग होम संचालकों के बीच मारपीट भी हो गई. सूचना मिलने पर फतेहपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. इसके पहले मरीज के परिजनों ने इसकी सूचना जिले के कई वरीय अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी को दे चुके थे. फतेहपुर प्रखंड के सीओ विजय कुमार और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. अशोक कुमार, थाना प्रभारी संजय कुमार की मौजूदगी में नर्सिंग होम को सील कर दिया गया.
नर्सिंग होम संचालक और मरीज के परिजनों की ओर से फतेहपुर थाना में आवेदन दिया गया है. आनन-फानन में मरीज को फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. फतेहपुर थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि नर्सिंग होम संचालक के द्वारा मरीज के परिजनों के साथ मारपीट की घटना हुई है. परिजनों से ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की गई थी. नर्सिंग होम के डॉक्टर के पास कोई डिग्री नहीं है और ना ही नर्सिंग होम चलाने का कोई लाइसेंस है. नर्सिंग होम संचालक को हिरासत में लिया गया है.