नई दिल्ली. इन दिनों रामदेव बाबा अपने विवादित बयानें के चलते सुर्खियों में हैं. एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर योग गुरू बाबा रामदेव के दिए बयानों की चौतरफा चर्चा हो रही है. हालांकि, बाबा रामदेव ने इस मामले पर अपनी तरफ से सफाई भी दे दी है. बावजूद विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी कंपनी पंतजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) कितना कमाती है? तो आइए जानते हैं बाबा रामदेव की कंपनी और उनकी कमाई के बारे में सबकुछ.. योगगुरु रामदेव और उनकी FMCG कंपनी 'पतंजलि' की कहानी 21वीं सदी के भारत में बिजनेस ग्रोथ की दिलचस्प कहानियों में से एक रही है. लेकिन रामदेव की कहानी दूसरी कारोबारी सफलता की कहानियों से इस मायने में अलग है कि उन्होंने अपना कारोबारी साम्राज्य बढ़ाने के लिए जिस तरह से राजनीति का इस्तेमाल वो कम ही देखने को मिलता है.
2009 में शुरू हुई पतंजलि ने तेजी से देशभर में अपना नेटवर्क तैयार किया. 2014 से लेकर 2017 तक रामदेव की कंपनी पतंजलि ने दमदार ग्रोथ दर्ज की. फाइनेंशियल ईयर 2015 और 2016 में तो पतंजलि ने 100% ग्रोथ तक दर्ज की. भारत के FMCG सेक्टर में कारोबार करने वाली सारी मल्टीनेशनल कंपनियों को पतंजलि ने धूल चटा दी. लोगों में भी पतंजलि के प्रोडक्ट को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिला. साल 2017 के बाद कंपनी के पतंजलि के कारोबार में स्लोडाउन आया और बीते 2-3 सालों में पतंजलि की चमक धुंधली पड़ी है. नोटबंदी और GST के बाद जो असर इकनॉमी पर देखने को मिला, वही असर पतंजलि के कारोबार पर पड़ा. इसके अलावा कंपनी का प्रसार, नीतियां, प्रोडक्ट्स में खामियां वगैरह ने भी पतंजलि की साख को चोट पहुंचाई है.
पंतजलि आयुर्वेद और रूचि सोयो दोनों का टर्नओवर 25 हजार करोड़ रुपये का है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में पतंजलि की आमदनी बीते साल से 5.9% बढ़कर 9,023 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Tofler के आंकड़ों के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद का वित्त वर्ष 2019-20 में मुनाफा 21 फीसदी बढ़कर 425 करोड़ रुपये रहा.अन्य सोर्स से पतंजलि ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 65.19 करोड़ रुपये कमाएं है. वहीं, एक साल पहले आयुर्वेदिक दवाओं और FMCG गुड्स का कारोबार करने वाली इस कंपनी का वित्त वर्ष 2018-19 में कुल मुनाफा 349 करोड़ रुपये रहा था. पतंजलि और रूचि सोया दोनों ही कंपनियां बाबा रामदेव की हैं. पंतजलि की शुरुआत बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने 2006 में की थी. अभी कंपनी का 99.6 फीसदी स्टेक आचार्य बालकृष्ण के पास है, लेकिन बाबा रामदेव कंपनी के को-फाउंडर हैं. वहीं अगर बात रुचि सोया की करें तो बाबा रामदेव इस कंपनी में नॉन एग्जिक्युटिव नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं.