मोदी सरकार के लिए यूसीसी बिल को राज्यसभा में पास करना ढेड़ी खील
गोरखपुर न्यूज़: ग्राम्य विकास विभाग की भर्ती परीक्षा में सॉल्वर बिठाने का काम बिहार के कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरियों से हो रहा है. कोचिंग सेंटर में पूर्व में पढ़ चुके होनहार छात्रों को रुपये का लालच देकर गैंग के सरगना सॉल्वर के रूप में परीक्षा में बैठा रहे हैं. दो दिन में पकड़े गए सॉल्वरों से पूछताछ में यह बात सामने आई है. ज्यादातर सॉल्वर बिहार के हैं. सभी पटना के कोचिंग सेंटर में कभी न कभी पढ़ाई की थी और खुद प्रतियोगी परीक्षा में पास नहीं हुए तो अब पैसे लेकर दूसरे को पास कराने का ठेका लेते हैं.
कोतवाली, शाहपुर और तिवारीपुर पुलिस ने सात सॉल्वरों को गिरफ्तार किया था. उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से सभी को जेल भेज दिया गया दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे 4 सॉल्वर और दो अभ्यर्थी ब्लूटूथ लगाकर परीक्षा देते पकड़े गए थे. 13 आरोपित जेल जा चुके हैं, जबकि 11 आरोपितों और सरगना की तलाश जारी है. एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया की और जिले के 49 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. कोतवाली पुलिस ने झारखंड के रागामाटी निवासी मनोज कुमार, बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी रोशन उर्फ अविनाश, बिहार नवादा के पवन कुमार व बिहार नारदीगंज के मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया. प्रदीप कुमार की जगह मनोज, सौरभ की जगह मुकेश तो वहीं धर्मेंद्र की जगह पवन परीक्षा दे रहा था. वहीं तिवारीपुर पुलिस ने नालंदा बिहार के सत्यम कुमार व रजनीश को गिरफ्तार किया. रजनीश सरस्वती शिशु मंदिर में राहुल कुमार की जगह तो वहीं सत्यम उसी स्कूल में
विनोद कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था
शाहपुर पुलिस ने समस्तीपुर बिहार निवासी अंकित राज को गिरफ्तार किया. अंकित नेहरू इंटर कालेज केंद्र पर बलिया के अभ्यर्थी परवीन चौहान की जगह परीक्षा दे रहा था. सभी को 20 से 30 हजार रुपये एडवांस मिले थे. बाकी 80 हजार रुपये परीक्षा पास करने के बाद मिलने वाले थे. एसपी सिटी ने बताया कि इनका सरगना पटना में कोचिंग चलाने वाला मिथुन है. ये सारे सॉल्वर पटना के किसी न किसी कोचिंग संस्थान में पढ़े हुए थे. उनका नम्बर निकाल कर सरगना रुपये का लालच देकर सॉल्वर बना उन्हें बैठा रहा था. पुलिस उन अभ्यर्थियों की तलाश में जुटी है जिनकी जगह ये बैठे थे.