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रेलवे बोर्ड ने यात्री घटने पर डिब्बों के उत्पादन में किया कटौती का प्रस्ताव
Deepa Sahu
21 Aug 2021 10:46 AM GMT
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कोरोना काल में घटती यात्रियों की संख्या का असर अब रेलवे पर नजर आने लगा है।
कोरोना काल में घटती यात्रियों की संख्या का असर अब रेलवे पर नजर आने लगा है। इसी को देखते हुए अब रेलवे अब अपने यात्री डिब्बों के उत्पादन में कटौती करने जा रहा है। हाल ही में वर्ष 2023 और 2024 के लिए कोच निर्माण कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि वर्ष साल 2024 में चार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से यात्री कोच प्रोडक्शन में 46 फीसदी से ज्यादा की कटौती की जाएगी। इससे रेलवे का कोच निर्माण लगभग 6,000 और 7,000 यूनिट के स्तर से घटकर लगभग 4,000 सालाना रह जाएगा।
जानकारी के अनुसार यात्री कोच निर्माण के लिए वर्ष 2022-23 के लिए 7,551 यूनिट पर रखा गया है, जो कि वित्त वर्ष 2024 में लगभग 4,027 इकाई कम हो जाएगा। रेलवे ने यात्री सेवाओं को चलाने के लिए बनाए गए एलएचबी या लिंक हॉफमैन बुश कोचों के लिए कटौती का प्रस्ताव किया गया है। यहां उत्पादन वित्त वर्ष 2023 में लगभग 5,489 इकाइयों से घटकर वित्त वर्ष 24 में लगभग 1,677 रह जाने का प्रस्ताव है, जो कि 70 फीसदी की भारी कटौती है।
अभी भारतीय रेलवे द्वारा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, पेरम्बूर, चेन्नई द्वारा निर्मित लिंक हॉफमैन बुश कोच- रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला और मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली। इसके अलावा मध्य रेलवे (लातूर) मुंबई सुविधा सेल्फ प्रोपेल्ड कोचों के कुछ डिजाइन भी बनाती है।
इसके अलावा भारतीय रेलवे को भविष्य में रोडवेज और एयरलाइन से ट्रैफिक के बड़े पैमाने पर आवागमन की उम्मीद है। इसलिए फिल्हाल रेलवे कोचों के निर्माण के साथ ज्यादा खर्च नहीं करना चाहता। रेलवे अपनी लागत संरचना में भी सुधार कर रहा है, जिससे उसका ध्यान सब्सिडी वाली सेवाओं की तुलना में ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करनी वाली सेवाओं पर होगा।
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