पटना patna news । लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नेता और जमुई सांसद अरुण भारती ने पशुपति पारस के एनडीए का हिस्सा होने पर सवाल खड़े किए हैं।उन्होंने कहा कि अगर पशुपति पारस को साथ आना है तो सबसे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और उनकी मां से मुलाकात करनी होगी, तभी कुछ बात बन पाएगी। पशुपति पारस को माफी मांगनी है तो अपनी भाभी से मांगें। उनको लेकर फैसला घर के बड़ों को लेना है। वक्त के साथ लहजा बदलता है, लेकिन अगर दिल भी बदले, तब देखेंगे। arun bharti
भारती ने कहा, मेरा मानना है कि हम पांच दल एनडीए का हिस्सा हैं। इसके अलावा कोई दल एनडीए का हिस्सा नहीं है। पांच दलों को हम लोग पूरा सपोर्ट करेंगे और प्रचार करेंगे। इन पांचों दल के अलावा कोई भी दल कुछ भी क्लेम कर रहा हो, उसका कोई मतलब नहीं है।बीते दिनों लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस ने कहा था कि हम लोगों ने लोकसभा चुनाव में पूरी ईमानदारी से बिहार ही नहीं पूरे देश में जहां भी एनडीए उम्मीदवार थे, उन्हें समर्थन दिया था। एक सितंबर से पूरे बिहार में अभियान चला कर हम संगठन को मजबूत करेंगे। हम विधानसभा चुनाव के लिए 243 सीटों पर तैयारी करेंगे।
बता दें, लोक जनशक्ति पार्टी चाचा-भतीजे की राजनीति में बंट गयी है। बंटवारे के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, लेकिन इसके बाद इस लोकसभा चुनाव में उन्हें एनडीए गठबंधन की ओर से एक भी सीट नहीं दी गई। जबकि चिराग पासवान को 5 सीटें दी गईं। चिराग की पार्टी ने पांचों सीटें जीत लीं। इसके अलावा पटना का पार्टी कार्यालय भी चिराग पासवान की पार्टी को दे दिया गया। पशुपति पारस का कहना है कि वो एक सितंबर से पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाएंगे। उनकी तैयारी बिहार की 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की होगी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के बाद जो भी पार्टी उन्हें उचित सम्मान देगा, वह उस पार्टी के साथ जाएंगे।