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टीके के विकास के मुद्दे पर संसद की एक समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में हाइवोल्टेज ड्रामा हुआ और बैठक से भाजपा के कई सांसदों ने यह कह कर वाकआउट किया कि टीका नीति पर चर्चा करने का यह उपयुक्त समय नहीं है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। टीके के विकास के मुद्दे पर संसद की एक समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में 'हाइवोल्टेज ड्रामा' हुआ और बैठक से भाजपा के कई सांसदों ने यह कह कर वाकआउट किया कि टीका नीति पर चर्चा करने का यह उपयुक्त समय नहीं है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का एजेंडा कोविड-19 के लिए टीके का विकास और कोरोना वायरस एवं उसके वैरिएंट की जेनेटिक सिक्वेंसिंग था।
सवाल पूछने पर आमादा था विपक्ष
सूत्रों ने बताया कि जब विपक्ष के कई सांसदों ने टीकों की दो डोज के बीच अंतर सहित केंद्र की टीकाकरण नीति के बारे में सवाल पूछने की इच्छा व्यक्त की तब भाजपा सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया और कुछ ने बैठक स्थगित करने की मांग की तथा वाकआउट किया। भाजपा सांसदों का मत था कि देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है और यह इस मुद्दे को उठाने का सही समय नहीं है क्योंकि इससे टीकाकरण प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
भाजपा सदस्यों ने उठाई यह मांग
सूत्रों के मुताबिक समिति के अध्यक्ष रमेश ने यह उल्लेख किया कि बैठक एजेंडे के तहत ही होनी चाहिए। जब भाजपा सदस्य बैठक को स्थगित करने की मांग पर अड़े रहे और इस पर मतदान कराना चाहते थे तब रमेश ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि स्थायी समिति की बैठक आमसहमति के आधार पर होती है ।
एक घंटे तक चली सियासी खींचतान
विपक्षी सांसदों ने इस बात पर जोर दिया कि उनका भी सवाल करने का अधिकार है क्योंकि सांसद के रूप में वे भी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। सूत्रों ने बताया कि यह घटनाक्रम करीब एक घंटे तक चला। इस बैठक में उपस्थित होने के लिए शीर्ष अधिकारी बुलाए गए थे। बैठक में सभी सदस्यों ने महामारी के दौरान भूमिका के लिए वैज्ञानिक समुदाय की सराहना की।
पीएम केयर्स का नहीं हुआ जिक्र : जयराम रमेश
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के समक्ष सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक वीके भार्गव और जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप सहित अन्य ने बैठक में शिरकत की। बाद में जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि बैठक में पीएम केयर्स का उल्लेख होने संबंधी सभी रिपोर्ट गलत है और 150 मिनट की बैठक में एक बार भी इसका जिक्र नहीं हुआ।
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