बीकानेर। अभिभावक को रोजाना 30 मिनिट्स बच्चों के साथ वो करे जो उन्हें पसंद है और जिससे वो खुश होते है तो बच्चें 23 घंण्टे 30 मिनिट्स अभिभावक के बताये गये कार्य खुशी-खुशी करेंगे। यह बात भारत के नंबर 1 पेरेंटिंग एवं लाइफ कोच परीक्षित जोबनपुत्र ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के कॅरिअर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के द्वारा आयोजित नेशनल पेरेटिंग वेबिनार में कहीं। उन्होंने कहा कि अभिभावक जाने-अनजाने 4 मिसटेक कर देते है वो नही करना चाहिए। परीक्षित जोबनपुत्र ने कहा कि आर एच एस फार्मूला माता-पिता को लागू करना चाहिए जिसमें रिसपोंसिबल, हैप्पी तथा सक्सेसफुल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को उसी फील्ड में भेजे जो उन्हें खुशी देवे और उनकेे साथ पाॅजीटिव सहयोग अभिभावकों को देना चाहिए।
परीक्षित जोबनपुत्र ने 5 पेरेंटिंग टिप्स देते हुए सफल पालन-पोषण के मंत्र बताये ताकि आप अच्छे अभिभावक बन सके। इसमें सबसे पहले बच्चों के साथ फन टाइम व्यतीत करना है, दूसरा पाॅजेटिव व्यवहार के साथ दूसरों से तुलना न करना, नैतिक कहानियों के माध्सम से उनकी सकारात्मक परिवेश करना साथ ही बच्चों के बचपन को स्वीकार कर उस पल को जीना चाहिए। भारत के नंबर 1 पेरेंटिंग कोच ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के द्वारा पेंरेंटिंग वेबिनार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मेरे लिए पहला अवसर है कि विश्वविद्यालय द्वारा पेरेंटिंग सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जो एक सुखद पहल है।
यह जानकारी देते हुए वेबिनार संयोजक कॅरिअर काउन्सलर डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि इस वेबिनार में यूट्यूब, फेसबुक पेज तथा स्मार्ट बीकानेर डाॅट काॅम के माध्यम से 6 हजार से अधिक लोगों ने आॅनलाइन के माध्यम से भागीदारी की। उन्होंने बताया कि वेबिनार की अध्यक्षता एमजीएस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने की वहीं कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान के निदेशक सौरभ स्वामी थे।
वेबिनार में गेस्ट आॅफ आॅनर के रूप मे उपस्थित माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान के निदेशक सौरभ स्वामी ने कहा कि हार्ड वर्क के साथ किए गए कार्य सफलता के सौपान जरूर प्राप्त करते है और यदि उसमें अभिभावकों का सकारात्कता के साथ सहयोग बच्चों को मिल जाए तो उन्हें मंजिल पाने में आसानी होगी और वो सफल जरूर होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमजीएस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान दौर में अभिभावक अध्यापन व अपने बच्चे के कॅरिअर को लेकर काफी चिंतित है, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा इस वेबिनार का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि सफल पेरेंटिंग परफेक्ष्शन हासिल करने के बारे में नहीं है। प्रो. सिंह ने कहा कि अपने बच्चों में मजबूती, आत्मनिर्भरता और कम खर्च करने के गुणों का समावेश करना चाहिए क्योंकि जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आते रहते है और यह गुण विपरीत परिस्थितियों में काम आ सकते है।
बिनार आयोजन सचिव एवं सीसीपीसी की समन्वयक डाॅ. अम्बिका ढ़ाका ने कहा कि बेस्ट पेरेंटिंग के लिए कोई निशिचत फार्मूला नहीं है। डाॅ. ढाका ने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों में बच्चों की परवरिश अलग-अलग ढंग से की जाती है। जापान और चीन में कम उम्र में ही बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्कूल और बाजार भेजा जाता है तथा वे स्कूल में क्लासरूम और टाॅयलेट्स भी खुद ही साफ करते है। फिनलैंड की शिक्षा पद्धति विश्व में अव्वल है और वहां बच्चे 8 वर्ष की उम्र तक ही स्कूल जाना शुरू करते है तथा इससे पहले वे माता-पिता के साथ ही रहते है।
कुल सचिव संजय धवन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि एक अच्छे माता-पिता होने का मतलब है कि हम अपने बच्चे को नैतिकता सिखायें कि क्या सही है और क्या गलत है। हर चीज की सीमा तय करें और अच्छें संगती होना अच्छे अनुशासन की कंुजी है। इन नियमों को लागू करते समय दयालु और दृढ रहना चाहिए। जो माता-पिता बच्चे को इस प्रकार लालन-पालन करते हैं उन बच्चों में बेहतर विनियमन विकास व सामाजिक कौशल विकास और मानसिक विकास भी अच्छा होता है। वेबिनार में डिजिटल मीडिया के रूप में सपोर्ट करने वाले स्मार्ट बीकानेर के अक्षय आचार्य ने वेबिनार में सहयेाग करने वाली शैक्षिणक व अशैक्षिणक संस्थानों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एमजीएस विश्वविद्यालय का धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार में माडरेटर व संयोजक की भूमिका इंजी. प्रशान्त जोशी ने की उन्होंने अंत में कार्यक्रम का समापन की घोषणा की।