पुलिस अधीक्षक रवि मोहना ने आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में हुए दो बेटियों की निर्मम हत्या के सनसनीखेज मामले में बताया कि आरोपी एन पुरूषोत्तम (पिता) और उनकी पत्नी पद्मजा (मां) को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. ये दंपती अपनी दो बेटियों साई दिव्या (22) और अलेख्या (27) के साथ चित्तूर रहते थे. इस नए मकान को बनाने के बाद वे पिछले साल अगस्त में यहां रहने आए थे. पुरूषोत्तम मदनपल्ली के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में केमिस्ट्री विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और उनकी पत्नी पद्मजा चित्तूर के एक कॉरपोरेट स्कूल की प्रिंसिपल हैं. यह परिवार मेहर बाबा, सांई बाबा और रजनीश ओशो का भक्त था. उनकी बड़ी बेटी अलेख्या भारतीय वन प्रबंधन संस्थान की छात्रा थी और साई दिव्या बीबीए स्नातक थीं, जो संगीत में अपना करियर बना रही थीं.
पड़ोसियों ने बताया कि ऐसे तो सब बहुत पढ़े-लिखे थे, लेकिन यह परिवार बहुत ही अंधविश्वासी था. वे नियमित रूप से शिरडी और अन्य धार्मिक स्थानों की यात्रा करते थे. लॉकडाउन के समय से ही यह परिवार अलग-थलग था और घरेलू नौकर को भी घर के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. मदनपल्ली इंस्पेक्टर एम श्रीनिवास ने बताया कि रविवार रात को पुरूषोत्तम के पड़ोसियों ने शिकायत की थी कि कुछ अनहोनी हो गई है. पुरूषोत्तम के घर से बहुत तेज चीखें और आवाजें आ रही हैं. इस पर जब पुलिस पुरूषोत्तम के घर में घुसी तो उन्होंने पाया कि दोनों बेटियों के सिर काट कर अलग कर दिए हैं. उनके नग्न शव खून से लथपथ थे.
वहीं, पुरूषोत्तम सोफे पर समाधि की मुद्रा में बैठा हुआ था तो उसकी पत्नी बिस्तर पर बैठकर दीवार को देख रही थी. घर में पुलिस आई है, ऐसा उन दोनों को भान नहीं था. पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तो दंपती ने कहा कि हमें "स्वर्ग से संकेत" मिले थे और उनके "चमत्कारों का घर" को दुनिया जानेगी. पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि अंधविश्वासी दंपती, अपनी बेटियों के शरीर से दुष्टात्मा को निकालने का अनुष्ठान कर रहे थे. उन्होंने छोटी बेटी साई दिव्या को पहले एक त्रिशूल से काटकर, जबकि बड़ी अलेख्या को डम्बल से मारा था. पद्मजा से हत्याओं के बारे में पूछताछ की गई थी, तो वह चिल्ला रही थी कि पुलिस ने उनकी मृत बेटियों को फिर से जीवित करने के अनुष्ठान को बाधित कर दिया.