यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ वापस लाने की अभिभावकों ने लगाई पीएम मोदी से गुहार
मोबाइल की बैटरी खत्म होने की वजह से बच्चों से कुछ समय से अभिभावकों का संपर्क भी टूट गया है. वो सुरक्षित स्थान तलाशते रहे. बच्चों के पास जो भी खाद्य सामग्री थी, वो भी खत्म हो रही है. पूरा यूक्रेन बंद है. वहां के नागरिक भी सुरक्षित रहने के लिए पश्चिमी देश पोलैंड की तरफ सड़क मार्ग से जा रहे. इस वजह से सड़क मार्ग पर जाम लगा हुआ है. हालांकि भारतीय दूतावास द्वारा जारी की गई नई एडवाइज़री में सभी भारतीय बच्चों को खुले स्थानों पर न जा कर केवल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है. इसके बाद भारतीय दूतावास से भी बच्चों का संपर्क टूट हुआ बताया गया है. यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपथे ने एक और एडवाइज़री जारी कर कहा है कि भारत सरकार इस कठिन समय में समस्या का समाधान ढूंढ रहा है और एंबेसी से सम्पर्क के नए नंबर जारी कर दिए गए है. लेकिन युद्ध की दहशत के बीच बच्चे और अभिभावक खासे परेशान हैं.
ये जानकारी अभिभावक पंकज धीरज और आमोद उपाध्याय ने देते हुए बताया कि अब सभी को केवल देश के पीएम नरेंद्र मोदी से ही उम्मीद है कि वो ही इस जान जोखिम वाली विषम परिस्थिति में मददगार साबित हो सकते हैं. अलीगढ़ के 3 दर्जन से अधिक बच्चे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. जैसे ही अभिभावकों को युद्ध की जानकारी हुई तो बच्चों के परिजन परेशान हो उठे और उन्होंने आनन-फानन में एक बैठक बुलाई और बैठक में निर्णय लिया कि वह सभी लोग आज दिल्ली के लिए रवाना होंगे.