झारखण्ड के कोडरमा में ऑनर किलिंग से जुड़े एक मामले में गुरुवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वन रामाशंकर सिंह की अदालत ने परिवार के चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। मामला विजातीय प्रेम प्रसंग में युवती की हत्या का है। इसी महीने 15 मार्च को सुनवाई पूरी होने के बाद सभी को दोषी करार दिया गया था। गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी को फांसी की सजा सुनाई गई। मामले के सभी अभियुक्त कोडरमा मंडल कारा में बंद हैं। चंदवारा थाना क्षेत्र के मदनगुंडी निवासी किशुन साव की बेटी सोनी कुमारी (20) दूसरी जाति के एक युवक से प्यार करती थी और शादी करना चाहती थी। युवती के माता पिता इस पर राजी नहीं हुए। बाद में सोनी अपने प्रेमी के साथ घर से भाग गई। करीब 15 दिन बाद सोनी के पिता किशुन साव ने अपनी बेटी को उसके प्रेमी के साथ शादी कराने का झांसा देते हुए फोन कर बुलाया। पिता के कहने पर युवती घर वापस लौटी। फिर-माता पिता ने विजातीय विवाह नहीं करने को लेकर युवती को काफी समझाया। लेकिन सोनी नहीं मानी और वह उसी लड़के से शादी करने पर अड़ी रही।
पिता किशन साहू, माता दुलारी देवी, चाचा सीताराम साहू, चाची पार्वती देवी ने 25 अगस्त 2018 की रात सोनी कुमारी की गला दबाकर हत्या कर दी। सुबह श्मशान घाट ले जाकर शव जलाने का प्रयास कर रहे थे। तभी पुलिस को सूचना मिल गई। जिले के तत्कालीन एसपी शिवानी तिवारी ने चंदवारा पुलिस को घटनास्थल पर भेजकर शव को अपने कब्जे में लिया और जांच शुरू की थी। घटनास्थल से कुल्हाड़ी व केरोसिन तेल बरामद किया गया।
युवती की हत्या चारों ने मिलकर की थी। मां दुलारी देवी और चाची पार्वती देवी ने युवती के हाथों को पकड़ा था। चाचा ने पैरों को और उसके पिता ने गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस को घटना की जानकारी न मिले इसलिए युवती के शव को खाट पर सुलाकर श्मशान घाट ले गए। शव को चिता पर लिटाने वाले थे कि इसी बीच किसी ने पुलिस को जानकारी दे दी। अदालत में युवती की बड़ी बहन ने भी गवाही दी थी। इस दौरान कुल 16 गवाहों का परीक्षण किया गया। मामले में गिरफ्तारी के बाद से सभी अभियुक्त कोडरमा मंडल कारा में हैं। न्यायालय ने वीसी के माध्यम से सभी को फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वाशिफ बख्तावर खान थे।