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रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर बेचा जा रहा था पैरासीटामॉल घोल, गिरोह का पर्दाफाश, जाने पूरी करतूत

jantaserishta.com
18 April 2021 2:53 AM GMT
रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर बेचा जा रहा था पैरासीटामॉल घोल, गिरोह का पर्दाफाश, जाने पूरी करतूत
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जहां पूरे देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता नजर आ रहा है तो वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत महसूस हो रही है. इस बीच महाराष्ट्र के बारामती से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. बारामती में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशी में पैरासिटामोल की दवाई भरकर कोरोना मरीजों को बेच रहा था. बताया जा रहा है कि यह गिरोह नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 35,000 रुपये में बेचा रहा था.

दरअसल, बारामती में एक मरीज के रिश्तेदार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता थी. उसे पता चला कि बारामती के एक निजी अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल रहा है. उसने गिरोह के एक सदस्य से संपर्क किया. उसने बताया कि वह एक कोविड केंद्र में काम करता है. वह जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचता है. जब मरीज के रिश्तेदार ने इंजेक्शन मांगा तो शख्स ने एक इंजेक्शन के लिए 35,000 रुपये और दो इंजेक्शन के लिए 70,000 रुपये की मांग की.
इस दौरान पुलिस अधिकारी नारायण शिरगावकर और पुलिस निरिक्षक महेश ढवाण को इस मामले की सूचना मिली. उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार किया. पुलिस की कड़ी पूछताछ में आरोपी ने अपने तीन साथियों के नाम बताए. इसके बाद पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तब चौंकाने वाला खुलासा हुआ.
गिरोह का मास्टरमाइंड दिलीप गायकवाड इंश्योरेंस कंसलटेंट का काम करता है. उसने पूरा प्लान बनाया. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को देखते हुए उसने पैसा कमाने का नया तरीका निकाला. ज्यादा पैसा कमाने के उद्देश्य से आरोपी ने दो और साथियों को इस फर्जीवाड़े में शामिल किया. पहले तो इस गिरोह का प्लान था कि कहीं से भी रेमडेसिविर इंजेक्शन लाकर ज्यादा कीमतों में पर बेचेंगे पर सभी जगह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत होने से उन्हें इस प्लान में सफलता नहीं मिली.
बाद में, इस गिरोह ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का प्लान बनाया. गिरोह का एक सदस्य कोविड सेंटर में काम करता था. वह रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशी इकट्ठा करके लाता था. इसके बाद यह गिरोह पैरासिटामोल की गोलियों को पानी में मिलाकर उसका लिक्विड रेमडेसिविर की खाली शीशी में भरकर बेचने लगे. ये लोग इस नकली इंजेक्शन की कीमत 5000 रुपये से लेकर 35000 तक वसूल रहे थे.
एसपी नारायण शिरगावकर ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस मामले में दिलीप गायकवाड़, संदीप गायकवाड़, शंकर भिसे और प्रशांत घरत को गिरफ्तार किया है. बारामती पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है.
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