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पेपर लीक मामला: नकल विरोधी कानून लाने का फैसला, दोषी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान साथ में संपत्ति होगी जब्त

Admin2
13 Jan 2023 4:05 PM GMT
पेपर लीक मामला: नकल विरोधी कानून लाने का फैसला, दोषी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान साथ में संपत्ति होगी जब्त
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देहरादून: उत्तराखंड सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमीशन (UKSSSC) के बाद स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से ​मचे हड़कंप के बीच राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एक सख्त नकल विरोधी कानून बनाने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने बताया कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाने का फैसला किया गया है.
मुख्य सचिव ने बताया कि कानून के तहत दोषी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान के साथ ही भ्रष्टाचार से अर्जित की गयी उसकी संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आठ जनवरी को हुई लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी और लेखपाल की परीक्षा के प्रश्नपत्र के कुछ प्रश्न लीक होने के कारण रद्द की गयी परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा. प्रश्न लीक करने के आरोप में पुलिस का विशेष कार्यबल (एसटीएफ) अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है.
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा और न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी. उन्होंने कहा कि साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अभ्यर्थियों को कोई किराया नहीं देना होगा और उनका प्रवेश पत्र ही बसों में उनका टिकट माना जाएगा.
मुख्यमंत्री ने भी कहा कि नकल विरोधी कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार करने के बारे में सोचेगा भी नहीं. रद्द हुई पटवारी और लेखपाल भर्ती परीक्षा के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस स्तर पर क्या हुआ है, लेकिन किसी भी स्तर पर गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, चाहे कहीं भी गंदगी हो, चाहे वह अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हो या कहीं और, जहां भी हमारे बेटे-बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा, हम सख्त कार्रवाई करेंगे.
उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने से मचे बवाल के बाद सरकार ने इन्हें आयोजित करने की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग को सौंपी थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाये रखने के लिये राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है. युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिये सरकार कृत संकल्पित है.
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