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POK में लॉन्चपैड पर आतंकियों में भगदड़, पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई के हौसले पस्त, जानिए क्या हो सकता है कारण
jantaserishta.com
4 April 2021 3:02 AM GMT
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फाइल फोटो
लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारतीय सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई और भारत का कूटनीतिक दबाव अब आतंकियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हौसले पस्त कर चुकी है. यही वजह है कि पाक अधिकृत कश्मीर के लॉन्चपैड पर आतंकियों में भगदड़ मची हुई है.
लॉन्चपैड पर कोई भी आतंकी नहीं आना चाहता. सुरक्षाबलों की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि आतंकियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है. सूत्रों के मुताबिक लॉन्चपैड पर जनवरी-फरवरी के महीने में भारी गिरावट देखी गई. इस साल फरवरी के महीने में खुफिया रिपोर्ट की मानें तो 43 आतंकियों के लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार बने लॉन्चपैड पर देखे जाने की सूचना मिली है.
वहीं 108 आतंकी जनवरी के महीने में देखे गए. भारतीय खुफिया एजेंसी लगातार LOC पर सर्विलांस कर रही है. आतंकी अब उन लॉन्चपैड पर आने से कतरा रहे हैं, जहां आकर वो घुसपैठ करने की कोशिश करते थे. सूत्रों के मुताबिक 43 आतंकी जो इस वक्त लॉन्चपैड पर हैं, उसमें जम्मू बॉर्डर के सामने बने लॉन्चपैड पर 28 और कश्मीर घाटी के सामने सक्रिय लॉन्चपैड पर सिर्फ 15 आतंकी हैं.
भारत का कूटनीतिक दबाव
खुफिया एजेंसी के टॉप एस्टेब्लिशमेंट ने एक न्यूज़ चैनल को जानकारी दी है कि पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई, भारत की आर्मी और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के ऑपरेशन से तो डरी हुई है. साथ ही भारत के कूटनीतिक दबाव के चलते पाकिस्तान के एस्टेब्लिशमेंट कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं.
यही वजह है कि वह जहां एक ओर समझौता कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पाले आतंकी इतनी ज्यादा खौफजदा हो गए हैं कि वह लॉन्चपैड पर आने से कतरा रहे हैं. आजतक के पास जो एक्सक्लूसिव जानकारी मौजूद है उसके मुताबिक कश्मीर घाटी में केरन सेक्टर के सामने पाक अधिकृत कश्मीर के लॉन्चपैड दूधनियाल में सिर्फ अल बदर के 10 आतंकी मौजूद हैं.
भागने की फिराक में आतंकी
लुम्बिरान लॉन्चपैड पर आतंकियों को इकट्ठा किया गया है, लेकिन यह आतंकी भी डर के मारे यहां से भागने की फिराक में हैं. इसके साथ ही पाक अधिकृत कश्मीर में मंडाकुली लॉन्चपैड पर 5 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का जमावड़ा देखा गया है.
जम्मू सेक्टर के सामने पूंछ कृष्णा घाटी, बिम्बर गली, नौशेरा ,सुंदरबनी हीरानगर, अखनूर और अरनिया सेक्टर के सामने कश्मीर घाटी की अपेक्षा ज्यादा आतंकवादियों को इकट्ठा किया गया है. जानकार यह मानते हैं कि कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों ने जिस तरीके से आतंकियों का सफाया किया है, ऐसे में आतंकी जम्मू के रास्ते से ज्यादा घुसपैठ करना चाहते हैं.
हालांकि इन आतंकियों की संख्या काफी कम बताई जा रही है. खुफिया जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर सेक्टर के सामने अलग-अलग लॉन्चपैड पर 28 आतंकियों का जमावड़ा देखा जा रहा है, जिसमें लश्कर जाए अल बदर और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी शामिल है. उधर इसी वक्त यानी पिछले साल जनवरी फरवरी के महीने में बिम्बर गली सेक्टर (BG सेक्टर) के सामने मौजूद 4 लॉन्चपैड पर पिछले साल जनवरी 2020 में 177 आतंकवादी मौजूद थे, जिसकी जानकारी अलग-अलग सर्विलांस के जरिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इकट्ठे किए थे.
28 से 30 आतंकी बचे
आतंकियों में इतना खौफ इस समय भरा हुआ है कि जनवरी 2021 में इन्हीं चार लॉन्चपैड की बात करें तो यहां पर सिर्फ नाम मात्र 28 से 30 आतंकी बचे हैं जिनका कभी भी सफाया सुरक्षा बल कर सकते हैं. ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी के महीने में 108 आतंकवादियों का मूवमेंट नोटिस किया गया है. तो फरवरी में इन आतंकवादियों का मूवमेंट घटकर सिर्फ 43 ही बचा है वही पिछले साल दिसंबर के दौरान 225 आतंकी एलओसी के लॉन्चपैड पर नोटिस किए गए थे.
खुफिया सूत्रों ने आजतक को यह जानकारी दी है कि घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट और आतंकियों की कम भर्ती के चलते आतंकी भारत में घुसपैठ करने से काफी डर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक पिछले साल जनवरी के महीने में लॉन्चपैड पर 450 से ज्यादा आतंकवादियों का मूवमेंट देखा गया था. जो इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में आतंकियों की संख्या से काफी ज्यादा था. जानकारों की माने तो एफएटीएफ में जिस तरीके से पाकिस्तान को बड़ी फटकार लगी है और उसको ग्रे लिस्ट में अभी भी रखा गया है इस वजह से पाकिस्तान के हौसले पस्त हैं.
एलओसी के उस पार 10 लॉन्चपैड अभी भी सक्रिय
भारत के खिलाफ पाकिस्तान की चालबाजी और खतरे को कमतर नहीं आंका जा सकता है खुफिया सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि अब जबकि आतंकी भारतीय सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑल आउट से डरे हुए हैं. तब भी 10 लॉन्चपैड पर आतंकवादियों को इकट्ठा किया गया है. सूत्र बताते हैं कि जनवरी और फरवरी के महीने में आतंकवादियों की संख्या कम देखी गई यह इसलिए क्योंकि फरवरी के महीने में एफएटीएफ की मीटिंग होनी थी और इस मीटिंग में पाकिस्तान आतंक पर अपना अलग स्वभाव दिखाना चाहता था.
पर जब पाकिस्तान सफल नहीं हुआ है तो भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस बात की आशंका जता रही हैं कि अप्रैल मई में जब बर्फबारी के बाद पहाड़ी रास्ते खुल जाएंगे और बर्फ पिघल जाएगी तो पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवादियों की भारी घुसपैठ की कोशिश करा सकता है, हालांकि पाकिस्तान के साथ सीजफायर का समझौता जरूर हुआ है पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरीके से इसको हल्के में नहीं ले रही हैं, और 24 घंटे अलर्ट पर रह रही हैं क्योंकि पाकिस्तान हमेशा से यह करता आया है कि एक बार बात करो और दूसरी बार वार करो.
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