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पॉक्सो कोर्ट में जांच के बाद हड़कंप, पेशकार ने फर्जीवाड़ा करके तैयार किया जमानत का आदेश

jantaserishta.com
22 Aug 2023 10:34 AM GMT
पॉक्सो कोर्ट में जांच के बाद हड़कंप, पेशकार ने फर्जीवाड़ा करके तैयार किया जमानत का आदेश
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आरोपी को जेल से रिहा करवा दिया गया।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पॉक्सो कोर्ट में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कोर्ट द्वारा जमानत निरस्त करने के आदेश की कूटरचना कर जमानत स्वीकृत का आदेश बनाया गया और जमानतें स्वीकृत कराकर आरोपी को जेल से रिहा करवा दिया गया।
पीड़िता के अधिवक्ता की शिकायत पर जिला जज ने जांच कराई। आरोपी ने पीड़ित परिवार के घर जाकर मुकदमा वापस लेने की धमकी दी। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। कोर्ट के पेशकार की मिलीभगत सामने आने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। पीड़ित की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर भी दी गई है। कानपुर के गुजैनी के पिपौरी निवासी लड़की के साथ छह जून को पड़ोसी नरेंद्र सचान ने घर में घुसकर दुष्कर्म किया था।
बच्ची से रेप के आरोपी नरेंद्र सचान के वकील ने अपर जिला जज-25 की विशेष पॉक्सो अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट का आदेश ऑनलाइन ई-कोर्ट पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया गया। इसके बाद भी नरेंद्र महज एक सप्ताह के भीतर ही जेल से बाहर आ गया और पीड़ित परिवार के घर जा धमका। उसने कहा कि मुकदमा वापस ले लो, नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार दूंगा।
पीड़िता के अधिवक्ता नरेश मिश्रा को पता था कि जमानत याचिका खारिज हो गई है। आरोपी के बाहर आने पर वह भी दंग रह गए। उन्होंने कोर्ट में इसकी पड़ताल की तब पता चला कि जमानत याचिका खारिज हो गई थी, लेकिन संबंधित न्यायालय के पेशकार, आरोपी के पैरोकार और अधिवक्ता ने साठगांठ करके जमानत निरस्त के आदेश को स्वीकृति के आदेश से जुड़ा जाली कागज तैयार किया। इसके बाद नरेंद्र की जमानत दाखिल कराकर उसका रिहाई परवाना जेल भेज दिया गया।
अब पीड़ित परिवार की तहरीर पर ही कोतवाली थाने की पुलिस ने मामले में रेप के आरोपी नरेंद्र सचान, कोर्ट के पेशकार अश्वनी और पैरोकार के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि फर्जी आदेश से दुष्कर्म की आरोपी की जमानत कराने वाले पेशकार, वकील और पैरोकार को जल्द से जल्द अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा।
अधिवक्ता नरेश मिश्रा ने बताया कि 10 अगस्त को जिला जज से मामले की शिकायत की गई थी, जिस पर जिला जज ने जांच अधिकारी की नियुक्ति कर संबंधित फाइल को सील करा दिया था। इसके बाद फर्जीवाड़े में लिप्त अभियुक्तों द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के गुजैनी थाना क्षेत्र के पिपौरी में रहने वाले मजदूर दंपति 6 जून 2023 को ड्यूटी पर गए थे। इस दौरान घर पर 13 साल की बेटी और 5 साल का बेटा था। मोहल्ले में ही रहने वाला नरेंद्र सचान ने बच्ची को अकेला देखकर दरवाजा खटखटाया। पिता के बारे में पूछते हुए भीतर घुस गया और मुंह दबाकर दबोच लिया। चीख-चिल्लाने की कोशिश करने पर पीटा और दुपट्टे से हाथ बांधकर मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। इसके बाद दुष्कर्म किया और कहा कि किसी से बताया तो तुम्हारे साथ पूरे परिवार को जान से मार दूंगा।
बच्ची के पिता की तहरीर पर आरोपी नरेंद्र सचान के खिलाफ रेप, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। दो दिन बाद गुजैनी पुलिस ने नरेंद्र सचान को दबिश देकर अरेस्ट कर लिया और जेल भेज दिया था।
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