भारत

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथावाचकों से अपील, ‘शहरों में कथा करने से धर्म नहीं बचेगा

HARRY
24 Jun 2023 1:05 PM GMT
पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथावाचकों से अपील, ‘शहरों में कथा करने से धर्म नहीं बचेगा
x

मध्यप्रदेश | छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कथावाचकों से अपील की है कि शहरों में कथा करने से धर्म नहीं बचेगा, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के साथ उपेक्षित आदिवासियों और वनवासियों के बीच जाना होगा।

पंडित शास्त्री ने आज तड़के साढ़े चार बजे यहां संवाददाताओं से चर्चा में आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण को लेकर पूछे गए सवाल पर भारत के कथा वाचकों से प्रार्थना की कि शहरों की कथाओं से धर्म नहीं बचेगा। जिन वनवासियों व ग्रामीणों को उपेक्षित रखा गया है, उनके पास जाकर कथा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में वनवासियों के आमंत्रण पर ही जा रहे हैं और उन्हीं को यजमान बनाते हैं। उन्होंने हिंदू राष्ट्र बनने की बात पर जोर देते हुए कहा कि अब धर्मांतरण नहीं चलेगा। हिंदू एकत्रित होकर जागृत हो रहा है। उन्होंने एक राजनीतिज्ञ के बाहर जाकर कथा न करने व अपने धाम में ही बने रहने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि साधु का काम जगाना है, किसी राजनेता की बात का जवाब देना नहीं।

उन्होंने कहा कि वे साधु तो नहीं, लेकिन साधु की पीठ बागेश्वर है और वे उसके सेवक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम तब राम हुए जब वे वन गए और जब वे वन गए तो बन गए। उन्होंने दावा किया कि इसीलिए उन्हें भी लोगाें को जगाने के लिए वनों और ग्रामों में जाना होता है। बड़वानी में आयोजित दरबार के दौरान बारिश में श्रद्धालुओं के इंतजार करने और दरबार के दौरान डटे रहने पर उन्होंने कहा कि मंत्री प्रेम सिंह के सरल व्यवहार और आग्रह पर वे बड़वानी आए हैं। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की वजह से वे कल दिन में नहीं पहुंच सके।

उन्होंने कहा कि इतनी बारिश में जनता बनी रही, यही भारत का सौभाग्य और सनातन संस्कृति का प्रभाव है। उन्होंने बड़वानी की जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जनता इतनी भावुक थी कि ऐसा लग रहा था कि पूरी रात दरबार चलता रहे तो भी लोग जाने वाले नहीं थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे शीघ्र ही कथा हेतु बड़वानी आएंगे। पंडित शास्त्री को कल दिन में बड़वानी जिला मुख्यालय पहुंच कर शोभायात्रा के बाद शाम पांच बजे दिव्य दरबार का आयोजन करना था, लेकिन मौसम खराब होने के चलते वे समय पर नहीं पहुंच पाए। वे रात लगभग 11 बजे बड़वानी पहुंचे और उन्होंने बारिश के दौरान डेढ़ घंटे तक दरबार आयोजित किया।

Next Story