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Pan Masala Breeaking: राज्य में पान मसाले के बनाने-बेचने पर लगा बैन

Shantanu Roy
3 Jun 2024 2:16 PM GMT
Pan Masala Breeaking: राज्य में पान मसाले के बनाने-बेचने पर लगा बैन
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बड़ी खबर
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh में सरकार ने एक ही दुकान पर पान मसाला pan masala at the shop और तंबाकू की एक साथ बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है. खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने इस आदेश को 1 जून 2024 से प्रभावी करने का आदेश जारी किया है. ऐसे मे पान मसाला दुकानदारों और इसे खाने के शौकीन लोगों को बड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन सवाल ये भी उठता है कि जिन लोगों के पास इनका पहले से भंडार भरा हुआ है वो उनका क्या करें? क्या वो अपना पुराना माल बेच या खा सकते हैं? चलिए जान लेते हैं.

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत प्रतिपादित खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विक्रय प्रतिषेध एवं निर्बन्धन) विनियम, 2011 के विनियम 2.3.4 में किसी भी खाद्य पदार्थ में तम्बाकू एवं निकोटिन को एक अवयव के रूप में प्रयोग किया जाना प्रतिबंधित किया गया है, इसी क्रम उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा में तम्बाकू युक्त पान-मसाला, गुटखा के विनिर्माण, पैकिंग, भण्डारण, वितरण एवं विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है. आदेश में भी कहा गया है कि, संज्ञान में आया है कि विभिन्न पान-मसाला निर्माण इकाईयों द्वारा तम्बाकू का भी निर्माण पान-मसाला के ही ब्राण्डनेम या किसी दूसरे ब्राण्डनेम से किया जा रहा है. इसके अलावा पान-मसाला के पाउच के साथ ही तम्बाकू के भी पाउच का भंडारण एवं विक्रय किया जा रहा है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए ये आदेश जारी किया गया है.

इस मामले में वैसे तो एक जून से कार्रवाई होनी है, लेकिन कुछ जगहों पर दो जून को एडीएम की अध्यक्षता में सहायक आयुक्त उत्पादक इकाइयों और बड़े दुकानदारों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद सप्ताह भर जागरूकता अभियान चलाकर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की जाएगी. हालांकि 2 जून को दुकानदारों को बैठक में अंतिम मौका दिया गया है, लेकिन अब किसी भी दुकान पर पुराना स्टॉक भी पाया जाता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ये कार्रवाई कुछ जगहों पर 2 जून से ही शुरू हो जाएगी तो वहीं कुछ जगहों पर दुकानदारों को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा. यदि कोई दुकानदार एक ही दुकान पर पान मसाला व तंबाकू पाउच बेचते पाया जाता है तो उसे पहले नोटिस, फिर मुकदमा व सुनवाई के बाद जुर्माना की कार्रवाई से गुजरना होगा. इस मामले में अधिकतम दो लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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