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पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी 26 अप्रैल को अमित शाह से मिलेंगे

jantaserishta.com
22 April 2023 11:47 AM GMT
पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी 26 अप्रैल को अमित शाह से मिलेंगे
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फाइल फोटो

चेन्नई (आईएएनएस)| अन्नाद्रमुक महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी 26 अप्रैल को नई दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। अन्नाद्रमुक सूत्रों ने यह जानकारी दी। शाह के साथ अन्नाद्रमुक नेता की मुलाकात महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में राजग के दोनों सहयोगी दलों के बीच कड़वी राजनीतिक लड़ाई चल रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई ने बार-बार द्रविड़ पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की है जिससे अन्नाद्रमुक ने रुख कड़ा कर लिया है।
अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मंत्री डी. जयकुमार ने पहले स्पष्ट रूप से कहा था कि गठबंधन पर अंतिम निर्णय अन्नाद्रमुक को लेना है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से यह भी कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु में एनडीए में सीटों का आवंटन अन्नाद्रमुक द्वारा तय किया जाएगा क्योंकि वह राज्य में गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है।
अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को घोषणा की कि वह 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
अन्नाद्रमुक ने कर्नाटक में पार्टी नेता डी. अंबरेसन को बेंगलुरु के पुलिकेशी नगर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। भाजपा नेता मुरली भी अन्नाद्रमुक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
अन्नाद्रमुक ने पहले कहा था कि पार्टी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी और भाजपा का समर्थन करेगी।
इस लिहाज से पलानीस्वामी और अमित शाह के बीच बैठक अहमियत रखती है।
कई मौकों पर अन्नामलाई ने अपने गठबंधन सहयोगी अन्नाद्रमुक के खिलाफ बात की, जिससे तमिलनाडु में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ।
तमिलनाडु की राजनीति में अकेले दम पर भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनावों में सीटें जीतना मुश्किल लगता है। उसे 2021 के विधानसभा चुनावों में अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन का भरपूर लाभ मिला।
भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर जीत हासिल की थी और उसे अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में कुछ लोकसभा सीटें जीतने की उम्मीद है। अन्नामलाई के बयान ने अन्नाद्रमुक के साथ संबंध खराब कर दिए हैं। अब देखना होगा कि क्या अमित शाह इस मसले को सुलझा पाएंगे और तमिलनाडु में पहले की तरह गठबंधन जारी रख पाएंगे।
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