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पाकिस्तान ने भारत की मिसाइल लॉन्चिंग को लेकर उगला जहर, लेकिन जानें क्यों नहीं मार गिरा पाया

jantaserishta.com
14 March 2022 6:52 AM GMT
पाकिस्तान ने भारत की मिसाइल लॉन्चिंग को लेकर उगला जहर, लेकिन जानें क्यों नहीं मार गिरा पाया
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नई दिल्ली: पाकिस्तान ने गुरुवार को दावा किया कि भारत की तरफ से एक सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट उसके इलाके में क्रैश कर गया. पाकिस्तान ने कहा कि भारत की तरफ से आए इस ऑब्जेक्ट ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और इससे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है. भारत ने भी इस घटना पर खेद जताया है और कहा है कि रूटीन मेंटेनेंस के दौरान गलती से मिसाइल फायर हो गई थी. पाकिस्तान ने कहा है कि उसकी वायुसेना इसकी निगरानी कर रही थी. तो सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान की वायुसेना भारत की तरफ से आ रहे ऑब्जेक्ट की निगरानी कर रही थी तो इसे मार क्यों नहीं गिराया?

पाकिस्तान की सेना ने दावा किया था कि वे जानते थे कि मिसाइल ने भारत के सिरसा से उड़ान भरी थी और कुछ देर बाद ही मिसाइल ने अपनी दिशा बदल ली और पाकिस्तान की तरफ मुड़ गई. मिसाइल पाकिस्तान के इलाके मियां चन्नू में गिरी.
पाकिस्तान के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मिसाइल ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की वायु सेना लगातार भारत की तरफ से आ रहे सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट पर नजर बनाए थी.
पाकिस्तान की सेना ने हालांकि मिसाइल को मार गिराने की कोशिश नहीं की और ये अपने आप ही पाकिस्तानी क्षेत्र में क्रैश कर गई.
नई दिल्ली में सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज (CAPS) थिंक टैंक के प्रमुख सेवानिवृत्त एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने पाकिस्तान द्वारा मिसाइल को न मारने पर कहा है कि मिसाइल जिस तेज गति से पाकिस्तानी क्षेत्र में गई, पाकिस्तान के पास बहुत कम समय था कि वो इस पर किसी तरह की कार्रवाई करे.
उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'जब कोई चीज इतनी तेज़ गति से आ रही हो तो आपके लिए किसी तरह की प्रतिक्रिया देना आसान नहीं होता. आपको ये भी पता नहीं होता कि उस रास्ते पर कोई मिसाइल है. पाकिस्तान और भारत के बीच फिलहाल किसी तरह के तनाव की स्थिति नहीं है और ये दोनों देशों का शांतिकाल है. ये रेड अलर्ट की स्थिति नहीं है इसलिए पाकिस्तान मिसाइल की पहचान कर उसे गिरा नहीं पाया. वैसे भी जब कोई चीज इतनी तेजी से आ रही हो, तो आप बहुत कम चीजें कर पाते हैं.'
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2005 में बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण को लेकर एक समझौता हुआ था. समझौते के अनुसार, प्रत्येक देश को बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण से कम से कम तीन दिन पहले इसकी सूचना देनी होती है. ये समझौता सभी तरह के मिसाइल परीक्षणों के लिए लागू होता है चाहे वो सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल हो या सतह से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल.
समझौते के अनुसार, मिसाइलों का प्रक्षेपण यानी जिस जगह से मिसाइल को छोड़ा जाना हो, वो जगह दोनों देशों की सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर होनी चाहिए. मिसाइल को गिराने का स्थान नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 75 किलोमीटर दूर होना चाहिए.
हालांकि, पाकिस्तान ने कहा कि भारत की तरफ से उसे ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
इस घटना पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी प्रतिक्रिया दी है. पंजाब के हफिजाबाद जिले में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, 'हम भारतीय मिसाइल के पाकिस्तान में गिरने का जवाब दे सकते थे, लेकिन हमने संयम बरता.'
भारत ने इस घटना पर जांच के आदेश दिए हैं जिस पर पाकिस्तान ने कहा है कि भारत की तरफ से जांच काफी नहीं है और इस पर दोनों देशों की संयुक्त जांच की जानी चाहिए.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने घटना पर खेद जताते हुए कहा था कि भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और एक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
रक्षा मंत्रालय के इस बयान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल हादसे पर वो भारत के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. मंत्रालय ने कहा कि भारत की इंटरनल जांच काफी नहीं है क्योंकि मिसाइल पाकिस्तान में गिरी. इसलिए पाकिस्तान एक संयुक्त जांच की मांग करता है जिससे इस घटना की निष्पक्ष जांच हो सके.
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