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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा से पाकिस्तान को असुरक्षा की स्थिति महसूस हो रही है कि मुस्लिम देशों के बीच भी उसकी पैठ कम होती जा रही है और भारत की करीबी बढ़ती जा रही है.
पीएम मोदी को अबू धाबी हवाई अड्डे पर रिसीव करने प्रोटोकॉल तोड़कर खुद यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान पहुंचे थे. वहीं, जब मई में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यूएई गए थे तब उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर यूएई के न्याय मंत्री पहुंचे थे. इसे लेकर पाकिस्तान को लग रहा है कि वो अलग-थलग पड़ गया है.
पाकिस्तान की विदेश नीति को लेकर ही नेशनल एसेंबली में विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार से सवाल किया गया कि क्या पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है? जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति सही दिशा में है और वो अलग-थलग नहीं पड़ा है. रब्बानी के इस जवाब पर पाकिस्तान के पूर्व राजनियक और भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने सवाल उठाए हैं.
उन्होंने कहा है कि जब शहबाज शरीफ की सरकार विपक्ष में थी तब यही लोग कहते थे कि पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है और अब सत्ता में आने के बाद पीटीआई की उपलब्धियों का सहारा लेकर ही ये कह रहे हैं कि हम अलग-थलग नहीं पड़े हैं.
अब्दुल बासित ने कहा, 'जब इनकी हुकूमत नहीं थी तब चाहे वो पीपल्स पार्टी के लोग हों या पीएमएल-एन के नेता हों, यही कहते थे कि पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है....पीटीआई की सरकार ने कश्मीर को बेच दिया है, हमें किसी देश से फोन तक नहीं आता...इस तरह की ढेरों बातें. लेकिन आज हिना रब्बानी खार ने कहा कि पाकिस्तान अलग-थलग नहीं पड़ा है और इसके पीछे उन्होंने तीन तर्क दिए. पहला कि पाकिस्तान ओआईसी में विदेश मंत्रियों की परिषद का अध्यक्ष है तो हम किस तरह आइसोलेटेड है.'
बासित ने आगे कहा, 'दूसरा- हिना ने कहा कि हम यूएन मानवाधिकार परिषद के सदस्य हैं और हर बार ही हम उसका चुनाव जीतते हैं तो किस तरह आइसोलेटेड हैं. तीसरा जी-77 के हम अध्यक्ष हैं तो फिर किस तरह हम आइसोलेटेड हैं. उन्होंने बिल्कुल ठीक कहा लेकिन साथ ही वो ये भी कह देतीं कि ये तीनों चीजें पीटीआई की हुकूमत के तहत हुई थी. फिर आपलोग विपक्ष में थे तब क्यों कह रहे थे कि पाकिस्तान आइसोलेटेड हैं?'
पीएम मोदी की यूएई यात्रा का जिक्र करते हुए अब्दुल बासित ने कहा, 'पाकिस्तान आइसोलेटेड नहीं है लेकिन हमने देखा कि पीएम मोदी को यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने खुद एयरपोर्ट पर जाकर रिसीव किया. हालांकि, बहुत कम होता है या होता ही नहीं है ऐसा..ये प्रोटोकॉल के खिलाफ है. यूएई ने प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर ये किया.'
उन्होंने आगे कहा, 'वहीं दूसरी तरफ, जब हमारे पीएम शहबाज शरीफ जब 15 मई को यूएई गए थे तब उन्हें यूएई के न्याय मंत्री ने रिसीव किया. हम आइसोलेटेड तो नहीं हैं, लेकिन ये कुछ चीजें हैं जो हमें परेशान करती हैं.'
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