भारत
भारत में टारगेट हत्याओं के पीछे पाकिस्तान-कनाडा स्थित आतंकवादी, एनआईए जांच में खुलासा
jantaserishta.com
29 Nov 2022 2:53 PM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने मंगलवार को आतंकवादी-गैंगस्टर सांठगांठ मामले के सिलसिले में देश भर में गैंगस्टरों से संबंधित 13 से अधिक स्थानों पर छापे मारे और विभिन्न प्रकार के वर्जित सामान के साथ गोलाबारूद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। जानकारी के मुताबिक एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूटी चंडीगढ़ और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 13 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। टारगेट जिले फाजिल्का, तरनतारन, लुधियाना, संगरूर, पंजाब में मोहाली, हरियाणा के यमुनानगर, राजस्थान में सीकर और दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले थे।
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, हमने भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थों के तस्करों के बीच उभरती सांठगांठ को खत्म करने और तोड़ने के लिए छापे मारे। एनआईए द्वारा संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क, शीर्ष गैंगस्टरों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थित उनके आपराधिक और व्यापारिक सहयोगियों और राजस्थान और दिल्ली में स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं पर छापेमारी और तलाशी का यह तीसरा दौर था।
जिन गैंगस्टरों के घरों पर छापेमारी की गई, उनमें गुरुग्राम-राजस्थान का कौशल चौधरी, प्रहलपुर-दिल्ली का विशाल मान, संगरूर-पंजाब का बिन्नी गुर्जर, लुधियाना-पंजाब का रवि राजगढ़ और उसके सहयोगी शामिल हैं। एनआईए ने कहा कि वह इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्च र को खत्म करना जारी रखेगी। अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये गिरोह लक्षित (टारगेट) हत्याओं को अंजाम दे रहे थे और ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए धन भी जुटा रहे थे।
एनआईए ने कहा- हाल ही में आपराधिक सिंडिकेट और गैंगस्टरों द्वारा व्यवसायियों, पेशेवरों, डॉक्टरों आदि को जबरन वसूली के कॉल ने लोगों के बीच व्यापक डर पैदा कर दिया था। ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को प्रचारित करने के लिए साइबर स्पेस का उपयोग कर रहे थे।
एनआईए को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि इस तरह की आपराधिक हरकतें स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करी के कार्टेल और नेटवर्क के बीच गहरी साजिश थी, जो देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से काम कर रहे थे। गिरोह के कई नेता और सदस्य भारत से भाग गए थे और पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया सहित विदेशों से काम कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थीं और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इन्हें अंजाम दिया जा रहा था।
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