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पाक पीएम शहबाज शरीफ ने की पीएम मोदी से बातचीत की पेशकश, कश्मीर मुद्दे को लेकर कही बड़ी बात

jantaserishta.com
11 April 2022 1:35 PM GMT
पाक पीएम शहबाज शरीफ ने की पीएम मोदी से बातचीत की पेशकश, कश्मीर मुद्दे को लेकर कही बड़ी बात
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनते ही शहबाज शरीफ ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनकी तरफ से कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश देते हुए कहा है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान कश्मीरी लोगों की इच्छा के मुताबिक किया जाना चाहिए.

पाकिस्तान के सियासी ड्रामे की एक महीने की कहानी

पाकिस्तान आज फिर से 'पुराना' हो जाएगा. 'नया पाकिस्तान' का वादा कर सत्ता में आए इमरान खान अब जा चुके हैं और 'पुराना पाकिस्तान' की हिमाकत करने वाले सत्ता में आ चुके हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के शहबाज शरीफ अब पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे. कल तक शहबाज पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता थे, लेकिन आज से वो 'वजीर-ए-आजम' कहे जाएंगे.

ये नया पाकिस्तान बनाम पुराना पाकिस्तान की बात इसलिए क्योंकि 2018 में आम चुनाव के वक्त इमरान खान ने 'नया पाकिस्तान' बनाने का वादा किया था. वहीं, रविवार को जब अविश्वास प्रस्ताव से इमरान सरकार गिरी तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि 'वेलकम बैक टू पुराना पाकिस्तान.'
खैर, पाकिस्तान की सत्ता से इमरान का जाना और शहबाज शरीफ का आना किसी ड्रामे से कम नहीं था. इस पूरे एक महीने पाकिस्तान का सियासी ड्रामा पूरी दुनिया ने देखा है. हालांकि, इमरान को सत्ता से बेदखल करने की तैयारी इससे काफी पहले से ही शुरू हो गई थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 फरवरी को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बिलावल भुट्टो जरदारी और उनके पिता आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज से घर जाकर मुलाकात की. इसी मुलाकात में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात तय हुई. इस मीटिंग के बाद शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) और जमीयत उलेमा-ए-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजल उर-रहमान से बात की और अपने साथ किया.
पाकिस्तान की सियासत में एक महीने में क्या कुछ हुआ?
- 8 मार्च: विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. इस अविश्वास प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी PML-N, बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP और मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी JUI-F ने समर्थन दिया.
- 27 मार्च: इस्लामाबाद में इमरान खान ने एक बड़ी रैली को संबोधित किया. इस रैली में इमरान खान ने एक चिट्ठी दिखाते हुए दावा किया कि उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे 'विदेशी साजिश' है.
- 31 मार्च: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन इस कार्यवाही को 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
- 3 अप्रैल: अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी. वोटिंग से पहले ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इसे खारिज कर दिया. इसके बाद इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया. इस पूरे सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया.
- 7 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को 'असंवैधानिक' बताया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति का सदन को भंग करने का फैसला भी 'असंवैधानिक' था. सुप्रीम कोर्ट ने 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश दिया.
- 9 अप्रैलः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संसद की कार्यवाही हुई. उस दिन भी जमकर सियासी ड्रामा हुआ. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इस्तीफा दे दिया. देर रात को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसके पक्ष में 174 वोट पड़े और इमरान की सरकार गिर गई.
- 11 अप्रैलः इमरान सरकार गिरने के बाद नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए संसद की कार्यवाही शुरू हुई. इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सभी सांसदों ने इस्तीफा दिया और प्रधानमंत्री चुनाव का बहिष्कार किया. शहबाज शरीफ नए प्रधानमंत्री चुने गए
अब आगे क्या होगा?
- शहबाज प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगेः पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री चुन लिया है. उनके समर्थन में 174 वोट पड़े हैं. प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद शहबाज शरीफ आज रात 8 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.
- खाली सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगेः इमरान की पार्टी के सांसदों के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगे. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, रविवार को PML-N और PPP के नेताओं ने एक बैठक की थी, जिसमें तय हुआ था कि अगर PTI के सांसद इस्तीफा देते हैं, तो इससे खाली हुई सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगे.
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