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रातोंरात बदली जिंदगी: स्कूल टीचर ने जीता 7 करोड़, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी बधाई, किए ये बड़ा काम
jantaserishta.com
4 Dec 2020 6:20 AM GMT

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ग्लोबल टीचर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय. इनामी राशि में से 50% अन्य फाइनलिस्टों को दान किया.
महाराष्ट्र के सोलापुर जिला परिषद स्कूल के एक प्राइमरी टीचर ने 7 करोड़ रुपये का इनाम जीता है. रणजीत सिंह डिसले को बतौर ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए चुने जाने पर यह बड़ी इनामी जीत मिली है. पहली बार किसी भारतीय को दुनिया का सर्वश्रेठ टीचर होने का सम्मान हासिल हुआ है.
यूनेस्को और लंदन स्थित वार्की फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले ग्लोबल टीचर प्राइज की घोषणा गुरुवार 3 दिसंबर को हुई. सोलापुर जिले के परितेवाडी जिला परिषद स्कूल के टीचर रणजितसिंह डिसले ने यह पुरस्कार जीत लिया. लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में संपन्न हुए समारोह में सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता स्टीफन फ्राय इस पुरस्कार की घोषणा की.
दुनिया के 140 देशों के 12 हजार से ज्यादा टीचर्स ने इस स्पर्धा में हिस्सा लिया था. लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत में त्वरित-प्रतिक्रिया (QR) कोडित पाठ्यपुस्तक क्रांति को गति देने के प्रयासों की वजह से रणजीत सिंह को यह इनाम मिला.
2014 में वर्के फाउंडेशन द्वारा स्थापित वार्षिक पुरस्कार के लिए दुनियाभर से 10 फाइनलिस्ट चुने गए. यह पुरस्कार ऐसे विलक्षण शिक्षक को दिया जाता है जिन्होंने अपने शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस उपलब्धि के लिए रणजीत सिंह को बधाई भी दी.
रणजीत सिंह डिसले ने इनामी राशि में से 50 फीसदी राशि अंतिम दौर तक पहुंचने वाले 9 अन्य टीचर्स के साथ बांटने का ऐलान किया है. इस कारण हजारों छात्रों को स्कॉलरशिप के जरिये पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. यह समारोह वर्चुअल आयोजित किया गया था.
सीएम उद्धव ठाकरे ने दी बधाई
ग्लोबल टीचर प्राइज जीतने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakre) ने रणजीत डिसले को बधाई दी. डिसले का कहना है कि वो इनाम में पाई गई इस राशि का इस्तेमाल शिक्षा के सुधार में लगाएंगे. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने भी महाराष्ट्र के इस शिक्षक को ट्वीट (Tweet) कर बधाई दी.

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