एक तरफ एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं तो दूसरी तरफ सिलेंडर से गैस चोरी की शिकायत अक्सर ही सुनने को मिलती है. घरेलू गैस की चोरी से नुकसान सीधे उपभोक्ता को ही होता है. गैस चोरी के आरोपों पर कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं होती. कोई ऐसा घर नहीं जो इस समस्या से जूझता न हो. ऐसे में इस परेशानी को दूर करने की पहल मेरठ के कुछ छात्रों ने की है. मेरठ में एमआईईटी के छात्रों ने घरेलू गैस की चोरी पर लगाम लगाने के लिए एक सार्थक पहल की है. मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों ने एंटी थेफ्ट एलपीजी स्मार्ट लॉक तैयार किया है. इसको सिलेंडर पर लगाने के बाद उपभोक्ता ही इसे खोल पाएंगे. दावा किया जा रहा है कि इससे गैस चोरी रुक जाएगी. इस स्मार्ट लॉक को पेटेंट कराने की कवायद भी की जा रही है.
शोध करने वाली छात्रा अक्षिता दीपांशु नितिन और उनके प्रोफेसर डॉक्टर अमित आहूजा ने बताया कि गैस फिलिंग स्टेशन में सिलेंडर पर बारकोड व एंटी थेफ्ट एलपीजी स्मार्ट लॉक लगाया जाएगा. डिलीवरी के समय डिलीवरी मैन को सिलेंडर पर अंकित बारकोड को स्कैन करना होगा. स्कैन करते ही उपभोक्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा. यही गैस सिलेंडर के स्मार्ट लॉक का पासवर्ड होगा. लॉक खोलने के बाद उपभोक्ता इसे डिलीवरी मैन को वापस कर देगा. ऐसी स्थिति में उपभोक्ता से पहले कोई भी सिलेंडर को नहीं खोल पाएगा और गैस चोरी की आशंका खत्म हो जाएगी.
इस शोध के लिए छात्रों को उत्तर प्रदेश कांउसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलाजी से फंड भी मिला है. संस्थान इसके उपयोग के लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क भी कर रहा है. इंडियन आयल के गौरव गर्ग का कहना है कि गैस कम होने की शिकायतें यदा कदा मिलती रहती हैं और छात्रों ने जिस लॉक के बारे में बताया जा रहा है, वह हाईटेक है. उन्होंने कहा कि इसके ट्रायल के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
इंजीनियरिंग के इन छात्र छात्राओं का कहना है कि इस शोध के लिए वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रेरणास्रोत मानते हैं. इनका कहना है कि पीएम मोदी लगातार डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया की बात करते हैं. ये शोध भी पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत मंत्र का ही परिणाम है.