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मौत का तांडव: अब तक 40 की गई जान, बादल फटने के बाद नदी में आई बाढ़

jantaserishta.com
6 Oct 2023 11:39 AM GMT
मौत का तांडव: अब तक 40 की गई जान, बादल फटने के बाद नदी में आई बाढ़
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कीचड़ में सेना की गाड़ियां फंस गई थीं (फोटो सोशल मीडिया)

आर्मी हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान को अंजाम देने में लगी हुई है।
गंगटोक: सिक्किम में आई भारी बाढ़ ने काफी कहर ढाया है। अभी तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा तीस्ता नदी से 22 शव निकाले जा चुके हैं। आर्मी हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान को अंजाम देने में लगी हुई है। इस बीच सिक्किम सरकार ने फिर से ग्लेशियर झील में विस्फोट की चेतावनी जारी की है। पर्यटकों से कहा गया है कि अगर सिक्किम जाने की योजना बना रहे हैं तो यात्रा कुछ दिन के लिए टाल दें।
लाचेन के करीब शाको चो लेक में विस्फोट का डर है। इसको देखते हुए अधिकारी आसपास के इलाकों को खाली कराने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा बाढ़ के दौरान एक आर्मी कैंप से बम और हथियार भी बह गए हैं। इन हथियारों के भी फटने का डर है। सिक्किम के चीफ सेक्रेट्री विजय भूषण पाठक ने बताया कि करीब 3000 लोग लाचेन और लाचुंग में फंसे हुए हैं। 3150 लोग यहां पर मोटरसाइकिल से गए थे और फंस गए हैं। विजय भूषण ने बताया कि इन लोगों को आर्मी और एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से निकाला जा रहा है।
बता दें कि सिक्किम के ऊपरी इलाकों में ग्लेशियर झील के फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इसके बाद ग्लेशियर झील फट गई, जिससे चुंगथांग बांध से पानी छोड़ा गया और तीस्ता नदी का जलस्तर बुधवार सुबह काफी बढ़ गया, जिससे हिमालयी राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। सेना बुधवार सुबह से लापता सैनिकों की बड़े पैमाने पर तलाश कर रही है। वहीं, त्रिशक्ति कोर के जवान उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग, लाचुंग और लाचेन के प्रभावित क्षेत्रों में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को चिकित्सा सहायता और टेलीफोन कनेक्टिविटी मुहैया करा रहे हैं।
इस बीच सरकारी बिजली कंपनी एनएचपीसी अपने जलविद्युत संयंत्रों को फिर से खोलने के लिए प्रयासरत है। मंत्रालय इस चीज पर बारीकी से नजर रख रहा है कि अचानक बाढ़ के बाद तीस्ता बेसिन में क्या हो रहा है। बिजली मंत्रालय ने कहा कि वह बाढ़ का पानी घटने के बाद सिक्किम में पनबिजली परियोजनाओं को हुए नुकसान का आकलन करेगा। 3-4 अक्टूबर की रात अचानक आई बाढ़ ने तीस्ता-वी पनबिजली स्टेशन के नीचे की ओर तारखोला और पमफोक तक के सभी पुलों को जलमग्न कर दिया या बहा दिया। तीस्ता-वी पनबिजली स्टेशन पर फिलहाल बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है। एनएचपीसी ने अपनी परियोजनाओं से सभी कर्मचारियों को निकाल लिया है और उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है।
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