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रोगों से निजात हेतु ग्रामीण चिकित्सकों की भागीदारी के लिए बैठक का आयोजन

Shantanu Roy
5 Aug 2023 4:44 PM GMT
रोगों से निजात हेतु ग्रामीण चिकित्सकों की भागीदारी के लिए बैठक का आयोजन
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ए डी खुशबू
कटिहार। गंभीर रोगों की रोकथाम व उन्मूलन के प्रयासों में ग्रामीण चिकित्सकों की बीच एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन कोढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में आयोजित की गई। मुख्य रूप से इस बैठक में डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ सुभान अली, पुर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी जगदीश चौधरी, डब्ल्यूएचओ मोनिटर संजय कुमार व सतीश कुमार, बीएमसी शमायारा प्रवीण मौजूद थे। वही प्रशिक्षण के दौरान एसएमओ ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य सेवा को धरातल पर पहुंचाने में ग्रामीण चिकित्सकों की भूमिका निर्णायक साबित हो रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके क्षमता संवर्धन उन्हें प्रेरित करने को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में बेहद कारगर अगर कोई साबित हो रहा है तो वह ग्रामीण चिकित्सक ही है। खसरा और रूबेला जैसी जानलेवा बीमारियों के उन्मूलन के प्रयासों में ग्रामीण चिकित्सकों की सक्रिय भागीदारी का प्रयास भी तेज हो चुका है।मिशन इन्द्र धनुष कार्यक्रम को धरातल पर उतारने और प्रभावी तरह से लागू करने हेतु सर्वे कार्य भी कराया जा रहा है। वही बैठक में डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ सुभान अली ने बताया कि ग्रामीण चिकित्सक ही एक ऐसे चिकित्सक होते हैं जिनका की मोबाइल दिन रात खुला रहता है।
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की परेशानी होने पर लोग सबसे पहले इन्हीं चिकित्सकों के पास जाते हैं या उन्हें अपने घर पर भी बुला लेते हैं रोग से जुड़े लक्षण वाले मरीज इलाज के लिए आने पर इससे जुड़ी जानकारी विभाग को पूरी नाम पता के साथ विभाग को पहुंचाने का कार्य करती है। पुर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजय कुमार ने बैठक में मौजूद ग्रामीण चिकित्सक को आवश्यक जानकारी देते हुए कहा की ग्रामीण इलाकों में भ्रमण के दौरान चिकित्सक टीकाकरण व रोगो की उपलब्धता की जानकारी गांवों से लेकर स्वास्थ्य केंद्र देती है। इसे लेकर ग्रामीण चिकित्सकों को खासकर शतप्रतिशत प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है साथ ही स्वस्थ समाज के निर्माण में उन्हें अपेक्षित सहयोग की अपील की जा रही है।बीएमसी शमायारा प्रवीण ने मुख्य रूप से चर्चा करती हुई जानकारी दी की खसरा और रूबेला पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नो माह व डेढ़ साल की उम्र में बच्चों को टीका लगाया जाता है प्रभावी तौर पर रोग उन्मूलन के लिए 95% बच्चों को टीकाकरण जरूरी है। निर्धारित मात्रा में सत्र का आयोजन टीकाकरण की उपलब्धता करा सभी बच्चों का सफल टीकाकरण किया जाता है। फिर सर्वे के आधार पर उनका टीकाकरण हो सके इसके लिए लगातार ड्यू लिस्ट बना कर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयास की सफलता में ग्रामीण चिकित्सा को जरूरी प्रशिक्षण देना अनिवार्य है उनका सहयोग व समर्थन जुटाने की कारगर प्रयास की जा रही है।
पोलियो का कोई मामला नहीं, खतरा बरकरार: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के मॉनिटर संजय कुमार पोद्दार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले व प्रखंडों में बीते कुछ सालों से पोलियो का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। लेकिन पोलियो संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है ।लेकिन हाल ही में पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान में पोलियो के मामले सामने आए हैं इसके लिए हमें सचेत रहने की जरूरत है। हमारे यहां अब तक पोलियो से प्रभावित एक भी मामला सामने नहीं आया है।लिहाजा पोलियो के मामले को लेकर सतर्कता जरूरी है। वहीं वर्ष 2023 तक देश को खसरा और रूबेला रोग से पूर्णत: मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, पोलियो ही नहीं खसरा और रूबेला जैसे रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ के सहयोग से जिले में विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। ताकि निर्धारित अवधि में रोग उन्मूलन के प्रयासों को निर्णायक मुकाम पर पहुंचाया जा सके। वही इस मौके पर कोढ़ा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कई स्वास्थ्य कर्मी के साथ कोढा के विभिन्न पंचायतों से आये ग्रामीण चिकित्सक मौजूद थे।
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