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वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के लिए फैशन शो का आयोजन, रैंप पर वॉक करते आएं नजर

jantaserishta.com
7 Feb 2022 4:58 AM GMT
वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के लिए फैशन शो का आयोजन, रैंप पर वॉक करते आएं नजर
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भोपाल: भोपाल के 'अपना घर' वृद्धाश्रम (Bhopa Apna Ghar old age home) के बुजुर्गों को लेकर राग भोपाली में सस्टेनेबल फैशन शो (Bhopal Sustainable Fashion Show) का आयोजन किया गया. 'रंग दे बसंती' नाम से आयोजित इस फैशन शो में 'अपना घर' के बुजुर्ग जैकेट, जूट के बैग और स्टोल कैरी कर रैंप पर वॉक करते नजर आए.

एजेंसी के अनुसार, इस फैशन शो में बुजुर्गों का साथ लीडिंग लेडीज ग्रुप की महिलाओं ने दिया. पीली साड़ी में सजी धजी इन महिलाओं ने बुजुर्गों का हाथ थामकर रैंप वॉक की. इसमें बुजुर्ग महिलाओं ने साड़ी और पुरुषों ने कुर्ता-पायजामा पहनकर रैंप वॉक किया.
सोशल एक्टिविस्ट प्रीति खरे ने मीडिया से कहा कि मैं एक सोशल एक्टिविस्ट हूं. हम लोग सस्टेनेबल गुड्स को प्रमोट कर रहे थे. सस्टेनेबल गुड्स को लेकर हमेशा यंग जेनरेशन और बच्चों को यह लगता है कि वह उनके लिए नहीं हैं. इसलिए हम लोगों का मेन कांसेप्ट था कि हम बच्चे, लेडीज और बुजुर्ग, सबको साथ लेकर आएं. उन्हें सस्टेनेबल प्रोडक्ट का यूज़ बताएं.
प्रीति खरे ने कहा कि यह आइडिया काफी समय से दिमाग में था. हमारी टीम इस थीम पर काफ़ी समय से काम कर रही थी. बुजुर्ग लोग 'अपना घर' से हैं. वहां से सब लोग आए हैं. मुझे उनकी उम्र का अंदाजा नहीं है. यहां पूजा अयंगर का संस्थान है, जहां सस्टेनेबल इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाए जाते हैं.
प्रीति ने कहा कि महिला एम्पावरमेंट (Women Empowerment) के लिए काम होता है. यहां बने सारे प्रोडक्ट के साथ 3 जनरेशन को लेकर यह प्रोग्राम पहली बार आयोजित किया गया है. इस शो में भाग लेने वाले बुजुर्गों का कहना है कि हम पहली बार इस तरह से फैशन शो में भाग ले रहे हैं. बहुत अच्छा लग रहा है कि हमें इतना अच्छा मंच मिला है, जहां हमें खुद को दिखाने का मौका मिल रहा है.
80 साल की अंजली श्रीवास्तव बताती हैं कि मैं 'अपना घर' वृद्ध आश्रम में रहती हूं. मुझे यहां तकरीबन 11 साल हो गए हैं. इस कार्यक्रम में पार्टिसिपेट करते हुए मुझे अच्छा लग रहा है. यह बहुत दिनों बाद मौका मिला है.
उन्होंने कहा कि मैंने इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए लाल साड़ी पहनी है. मेरे हाथ में एक बैग भी है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे इसकी बहुत ज्यादा खुशी है. ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए. हम लोग नाटक का भी आयोजन करते हैं. अभी कोरोना की वजह से हमारे नाटक बंद हो गए हैं.


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