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21 पौधों से तैयार पहली क्लीनिकली टेस्टेड स्वदेशी कोरोना दवा लॉन्च।
रेमडेसिविर से 3 गुना ज्यादा असरदार, सबसे सस्ती और कारगर असरदार कोरोना महामारी से छुटकारा का दावा।
अहमदाबाद (ए/नेट डेस्क/टीवी चैनल्स)। सबसे सस्ती और कारगर जोरदार असरदार कोरोना महामारी से छुटकारा कंपनी का दावा दवा निर्माताओं ने किया है। कोरोना से दुनियाभर में लोगों का हाल-बेहाल है। इस बीच गुजरात के अहमदाबाद से एक अच्छी खबर आई है। यहां कोरोना वायरस से लडऩे के लिए एक दवा लॉन्च की गई है। इसका नाम आयुध एडवांस रखा गया है। कोरोना से दुनियाभर में लोगों का हाल-बेहाल है।दो क्लीनिकल ट्रायल से गुजर चुकी ये दवाई कोरोना के मरीजों पर प्रभावी है। इसका ट्रायल अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में किया गया। इस दवाई के जरिए मरीज का इलाज करने पर 4 दिन के अंदर ही कोरोना ठीक हो जाता है। सबसे बड़ी बात इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
विज्ञान और हेल्थ सेक्टर में दुनिया के बड़ जर्नल कंटेम्प्रेरी क्लीनिकल ट्रायल कम्युनिकेशन में इस पर रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक ये दवाई कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर काफी असरदार है। दो क्लीनिकल टेस्ट किए गए इसके अलावा अमेरिका के नेशनल सेंटर फोर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में भी इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है। दवाई का पहला क्लीनिकल ट्रायल अक्टूबर 2020 में श्रीमती एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज में किया गया था। दूसरा ट्रायल जनवरी 2021 में मेडिकल कॉलेज और हास्पिटल में किया गया। पहला ट्रायल ऐसे मरीजों पर किया, जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण थे। हल्के लक्षण वाले मरीजों को आयुध एडवांस दिन में चार बार दी गई। सभी मरीज 4 दिन के अंदर ठीक हो गए। ट्रांजेशनल हेल्थ साइंस और टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के मुताबिक ये दवाई रेमडेसिविर की तुलना में 3 गुना ज्यादा प्रभावी है।
21 पौधों से तैयार की गई है आयुर्वेदिक दवा इसे गुजरात की शुक्ला अशर इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। ये एक लिक्विड दवा है, जिसे 21 अलग-अलग पौधों से तैयार किया गया है। आयुर्वेद शास्त्र के मुताबिक इन पौधों से लिए गए तत्व सुरक्षित और प्रभावी हैं। वैक्सीनेशन खत्म होने पर आयुध एडवांस मार्केट में आ जाएगी। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर दीप शुक्ला ने बताया कि आयुध एडवांस, वैक्सीन के मुकाबले काफी अलग है। वैक्सीन किसी एक बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है, लेकिन उससे बीमारी 100 प्रतिशत ठीक नहीं होती है। इसके उलट आयुध एडवांस से बीमारियां जड़ से ठीक होती हैं । वीडियो वायरल दो लाख बीस हजार लोगों का कोरोना ठीक हुआ कंपनी की दो दवाएं हैं। इनमें से आयुध एडवांस कोरोना के मरीजों के लिए है तो दूसरी तरफ आयुध मेंटेन नाम की दवा है। इसका उपयोग इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने के लिए किया जाता है। कंपनी के मुताबिक आयुध मेंटेन का सेवन करने के बाद 2,20,000 आइसोलेट लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। दवा को गुजरात सरकार के आयुर्वेद विभाग ने अप्रूवल दिया है।
जानसन एंड जानसन की वैक्सीन को अप्रूवल पर समस्या
भारत ने वैक्सीन डोज की कमी को दूर करने के लिए विदेशी वैक्सीन को अप्रूवल देने की प्रक्रिया तय कर ली है, लेकिन इसका लाभ जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को शायद न मिले। उम्मीद थी कि मई में यह वैक्सीन भी भारत में उपलब्ध हो सकती है। दरअसल, खून के थक्के जमने की वजह से अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में इसके इस्तेमाल को रोक दिया गया है। यूरोप में भी इसके इस्तेमाल को टाल दिया गया है। अन्य देश भी इसका रिव्यू कर रहे हैं। लिहाजा इस सब का असर इस वैक्सीन की भारत में उपलब्धता पर भी पड़ेगा। इसका यहां आना जून तक टल सकता है।
अमेरिका ने कब और क्यों रोका वैक्सीन का इस्तेमाल?
अमेरिका ने 13 अप्रैल को तय किया कि जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का इस्तेमाल फिलहाल रोका जाए। तब तक 68 लाख अमेरिकियों को डोज दिया जा चुका था। 6 लोगों में खून के थक्के जमने की शिकायत मिली, इसमें से एक की मौत भी हो गई। अमेरिका ने अपने राज्यों से कहा है कि जब तक इन थक्कों की जांच न हो जाए, तब तक जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का इस्तेमाल रोक दिया जाए। इससे पहले ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के डोज से असामान्य थक्के जमने की शिकायत के बाद यूरोप के कुछ देशों में इस्तेमाल रोका गया था। यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से भी इसी तरह के थक्के जमने की रिपोर्ट मिली थी। इस वैक्सीन को अब तक अमेरिका में अप्रुवल नहीं मिला है। कुछ देशों ने इस वैक्सीन को कुछ ही आयु समूहों में इस्तेमाल की इजाजत दी है।
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