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केस को दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश, उन्नाव रेप पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली, यहां जानें पूरा मामला
jantaserishta.com
2 Sep 2022 9:47 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: उन्नाव रेप पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. दरअसल, आरोपी पक्ष के वकील ने दावा किया था कि पीड़िता ने कुलदीप सेंगर को फंसाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे. इतना ही नहीं, खुद को नाबालिग साबित करने के लिए अपनी उम्र कम बताई थी.
वहीं, उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. कोर्ट ने केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया. पीड़िता ने अपनी याचिका में कहा था कि एक छोटा सा केस दर्ज कर उसे परेशान किया जा रहा है.
3 जुलाई को कोर्ट में हाजिर न होने पर पीड़िता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में NBW के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इसमे कहा गया था कि वह दिल्ली में कोर्ट के समक्ष पेश हो रही थी. फिर भी गैर जमानती वारंट जारी किया कर दिया गया. याचिका में पीड़िता के खिलाफ जारी गैर ज़मानती वारंट पर रोक लगाने की मांग भी की गई थी.
साल 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर पर अपहरण और रेप का आरोप लगा था. जिस वक्त ये घटना हुई थी, तब पीड़िता नाबालिग थी. अपनी उम्र का प्रूफ देने के लिए पीड़िता ने स्कूल की टीसी कोर्ट में दिखाई थी. लेकिन आरोपी पक्ष के वकील ने आरोप लगाया था कि टीसी को फर्जी तरह से तैयार कराया गया है. वहीं, माखी दुष्कर्म कांड मामले से जुड़े हरपाल सिंह द्वारा दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां और चाचा के खिलाफ फर्जी टीसी को लेकर केस दर्ज कराया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
इस मामले में यूपी के बांगरमऊ से पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं. साल 2017 में पीड़िता ने कुलदीप सेंगर (तब विधायक) पर अपहरण और रेप का आरोप लगाया था. पीड़िता उस वक्त नाबालिग बताई गई थी. अपनी उम्र को लेकर उसके द्वारा स्कूल की टीसी प्रस्तुत की गई थी. अब इसी टीसी को फर्जी बताया जा रहा है.
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