कोरोना वायरस की महामारी के समय कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई थी. अब उस अंतरिम जमानत को खत्म कर दिया गया है. कैदियों को अब सरेंडर करना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह आदेश दिया कि कोरोना के कारण जिन 5581 कैदियों को अंतरिम जमानत दी गई थी, उन सभी कैदियों को अब सरेंडर करना होगा.
संगीन अपराध में जेल में बंद 2318 विचाराधीन कैदियों की कोरोना की वजह से अंतरिम जमानत अब और नहीं बढ़ेगी. कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरेंडर करते हुए असुविधा न हो, इसके लिए चरणबद्ध तरीके से सरेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाए. कोर्ट ने सभी कैदियों के सरेंडर करने के लिए 2 नवंबर से 13 नवंबर के बीच का समय तय किया है.दिल्ली हाईकोर्ट ने हाई पावर कमेटी से उन 2907 कैदियों के संबंध में 10 दिन के अंदर फैसला लेने को कहा है, जिन्हें कमेटी की सिफारिश पर अंतरिम जमानत दी गई थी. इन कैदियों को यह छूट दी गई है कि वे दिल्ली की निचली अदालतों में जाकर मेरिट के आधार पर अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग करते हुए अर्जी लगा सकते हैं.
हाईकोर्ट ने जिन 356 कैदियों को अंतरिम जमानत दी थी, उन्हें 13 नवंबर तक सरेंडर करना होगा. सिविल मामलों से जुड़े जिन केस में अंतरिम आदेश जारी हुए, उनमें यह राहत अगली सुनवाई की तारीख तक प्रभावी रहेगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वह कैदियों की जेल वापसी की तैयारी और कोरोना संबंधी गाइडलाइंस का पालन करें.