कोरोना संक्रमण की आशंका कम होते ही कई राज्यों में स्कूल खोले जाने की घोषणा की जाने लगी. बिहार में 8 फरवरी से क्लास 6 से लेकर 8 तक के बच्चे के लिए स्कूल खोल दिए जाएंगे. कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए ये स्कूल तकरीबन 11 महीने से बंद हैं. स्कूल खोले जाने का यह फैसला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में किया गया है. इस आशय का आदेश सभी जिलों को प्राइमरी डायरेक्टर रणजीत सिंह ने जारी किया है.
प्राइमरी डायरेक्टर के आदेश के मुताबिक, कक्षा 6 से लेकर 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन 50 प्रतिशत बच्चों को स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी. शिक्षकों के लिए आदेश में शत प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य बताई गई है. जारी किए गए आदेश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि स्कूल खोले जाने के बाद हर हाल में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा. बच्चों और शिक्षकों को मास्क लगा कर ही स्कूल आना होगा. स्कूल के गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग की सुविधा होगी. किसी भी बीमार शिक्षक या विद्यार्थी को स्कूल परिसर के भीतर दाखिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बता दें कि बीते दिसंबर में बिहार सरकार ने कोरोना संक्रमण के बाद से बंद पड़े स्कूल-कॉलेज के अलावा कोचिंग संस्थानों को खोलने का फैसला लिया था. इसके बाद इस वर्ष 4 जनवरी से 9वीं से 12वीं कक्षाओं तक के स्कूल और कॉलेज खोले गए, लेकिन अब तक छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही है. हालांकि मुख्य सचिव ने उम्मीद जताई थी कि फरवरी से जूनियर स्कूल खोलने पर स्कूलों में उपस्थिति बढ़ेगी.
इसी तरह दिल्ली सरकार ने अब 9वीं और 11वीं क्लास के लिए स्कूल खोले दिए जाने का फैसला कर लिया है. इस आशय की घोषणा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 5 फरवरी से अब 9वीं और 11वीं क्लास के लिए स्कूल खोले जाएंगे स्कूल. साथ ही कॉलेज, डिग्री या डिप्लोमा इंस्टीट्यूट को भी खोलने की अनुमति दी जाएगी. इस घोषणा के साथ ही सिसोदिया ने स्कूल खोले जाने के लिए अनिवार्य शर्त यह बताई कि स्कूलों को कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो करना होगा. साथ ही अभिभावकों की भी अनुमति जरूरी होगी कि उनके बच्चे स्कूल जाएं. इसके अलावा दिल्ली सरकार फाइनल प्लान तैयार करेगी कि कब स्टूडेंट्स को परीक्षाओं के लिए बुलाया जा सकता है.