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असिस्टेंट प्रोफेसर की सेवा समाप्त का आदेश जारी, माओवादियों से साठगांठ का आरोप

Admin2
3 April 2021 3:55 PM GMT
असिस्टेंट प्रोफेसर की सेवा समाप्त का आदेश जारी, माओवादियों से साठगांठ का आरोप
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दिल्ली विश्वविद्यालय ने माओवादियों से कथित संबंध के मामले में वर्तमान में नागपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे रामलाल आनंद कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जी.एन.साईबाबा की सेवा समाप्त कर दी है। साईबाबा की पत्नी को गुरुवार को प्राप्त हुए एक पत्र के मुताबिक, साईबाबा की सेवाएं 31 मार्च से तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल राकेश कुमार गुप्ता के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है कि रामलाल आनंद कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा की सेवाएं 31 मार्च 2021 की दोपहर से तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं। उनके बैंक खाते में तीन महीने के वेतन का भुगतान कर दिया गया है। कई प्रयासों के बावजूद गुप्ता से संपर्क नहीं हो सका।

अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर साईबाबा को 2014 में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद से उनकी पत्नी और बेटी को उनका आधा वेतन मिलता था। साईबाबा की पत्नी ने इस कदम को भिन्न विचार वाले लोगों की आवाज दबाना करार दिया और आरोप लगाया कि यह कर्मचारी के अधिकारों का उल्लंघन है और वह मामले को अदालत में ले जाएंगी। उन्होंने कहा कि सजा के खिलाफ हमारी अपील अब भी बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित है, तो फिर वे इस तरह का निर्णय कैसे ले सकते हैं। एसएआर गिलानी (संसद हमला मामले में दोषी) इसके बेहतर उदाहरण हैं। उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया, उनको कभी सेवा से नहीं हटाया गया, तो फिर साईबाबा की सेवा क्यों समाप्त की जा रही है? यह कर्मचारी के अधिकारों का उल्लंघन है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और कमिटी फॉर डिफेंस एंड रिलीज ऑफ जी.एन. साईबाबा की नंदिता नारायण ने आरोप लगाया कि जब कानूनी प्रक्रिया जारी है तो ऐसे में सेवा समाप्त करने जैसी अचानक की गई कार्रवाई निंदनीय है।

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