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कोविड-19 किट में कोरोनिल को शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध, IMA ने बताया सुप्रीम कोर्ट की अवमानना
Deepa Sahu
5 Jun 2021 9:58 AM GMT
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योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच जारी जारी है.
नई दिल्लीः योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच जारी जारी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, उत्तराखंड ने राज्य में कोविड-19 किट में कोरोनिल टैबलेट को शामिल करने के पतंजलि के प्रस्ताव का विरोध किया है. आईएमए ने प्रस्ताव खिलाफ पलटवार करते हुए कहा कि कोरोनिल डब्ल्यूएचओ द्वारा अप्रूव नहीं है और न ही यह सेंट्रल गाइडलाइंस में शामिल है. यह कोई ड्रग या मेडिसिन नहीं है, जैसा कि बाबा रामदेव ने दावा किया है.
आईएमए, उत्तराखंड ने कहा कि एलोपैथिक दवाओं के साथ कोरोनिल को मिलाना भी मिक्सोपैथी (आयुर्वेद और एलोपैथी का कॉकटेल) होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है और इसका इस्तेमाल करना अवमानना होगी.
राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर किया विरोध
वहीं, आईएमए सचिव डॉ. अजय खन्ना ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर भी इस पर एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज का इलाज एलोपैथी के जरिये किया जा रहा है तो उसे आयुर्वेद की दवा कैसे दी जा सकती है. किसी भी मरीज पर मिक्सोपैथी का उपोयोग नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट की इसको लेकर स्पष्ट रूलिंग है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोनिल का इस्तेमाल किया गया तो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामाला दायर करेंगे.
Indian Medical Association Uttarakhand retaliates against the proposal of Patanjali to include Coronil tablet in COVID-19 kit in the State saying Coronil is not approved by WHO, nor is it included in central guidelines; it's not a drug or medicine as claimed by Baba Ramdev pic.twitter.com/5GfG75MhQQ
— ANI (@ANI) June 5, 2021
आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज करवाई थी शिकायत
गौरतलब है कि रामदेव ने वायरल हुए वीडियो में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ''कोविड-19 के इलाज में एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोग मर गए.'' इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी रामदेव से इस 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण' बयान को वापस लेने को कहा था. बाद में बाबा रामदेव ने अपने बयान को वापस ले लिया था. हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. ये शिकायत दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में दर्ज कराई गई थी. इसमें बाबा रामदेव पर कोरोना के इलाज को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया गया था.
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