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संसद में अडाणी-संभल हिंसा पर विपक्ष का प्रदर्शन, सपा-TMC शामिल नहीं हुए, कांग्रेस नेता के बयान पर बखेड़ा
jantaserishta.com
3 Dec 2024 6:26 AM GMT
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नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भी हंगामा जारी है. अडानी मामले को लेकर विपक्षी नेता संसद परिसर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी शामिल है. लेकिन इस प्रोटेस्ट से समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली है.
ऐसे में सरकार के खिलाफ विपक्ष बिखरता नजर आया. अडानी मामले पर प्रोटेस्ट में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हुए लेकिन इसमें सपा और टीएमसी के सांसद नदारद रहे. 25 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस अडानी मामले को लेकर है. लेकिन समाजवादी पार्टी संभल हिंसा पर चर्चा की मांग कर रही है.
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP Rahul Gandhi, Congress MP Priyanka Gandhi Vadra and MPs of INDIA bloc protest over Adani matter, at the Parliament premises. pic.twitter.com/QrwPv1vnfi
— ANI (@ANI) December 3, 2024
इससे पहले सोमवार को संसद की कार्यवाही से पहले इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई, जिसमें राहुल गांधी तो शामिल हुए थे लेकिन टीएमसी का कोई सांसद नहीं पहुंचा था.
दरअसल तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि सदन में मंहगाई, बेरोजगारी, किसान, उर्वरक, विपक्षी राज्यों को मिलने वाले पैसे में कटौती और मणिपुर जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा हो. वहीं कांग्रेस चाहती है कि अडानी मुद्दे पर ही चर्चा हो. वहीं कांग्रेस के रूख से सपा भी किनारा करती दिख रही है. वहीं अन्य विपक्षी दल भी चाहते हैं कि किसान, संभल और मणिपुर जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो. यानि विपक्षी दलों में टीएमसी का रुख साफ है कि संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा हो, कमोबेश ऐसा ही कुछ समाजवादी पार्टी भी चाहती है.
सपा सांसदों ने आज लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और संभल मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया. सपा नेताओं के अनुसार अडानी का मुद्दा संभल जितना बड़ा नहीं है. सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हमारे लिए अदाणी से बड़ा मुद्दा किसान हैं. यानि कांग्रेस भले ही अडानी की रट लगाए बैठी हो, मगर विपक्ष के कई दल और भी मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं.
इस बीच कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के एक बयान पर विवाद हो गया है कि रेणुका चौधरी ने कहा कि हमारी तरफ से कोशिश है कि सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चले क्योंकि जनता ने हमें चुनकर संसद भेजा है और वे चाहते हैं कि हम उनकी आवाज को यहां बुलंद करें. अगर सरकार सदन चलाना चाह रही है तो चलेगा, अगर वह नहीं चलाना चाह रही है तो नहीं चलेगा. सब समझते है कि ये षडयंत्र क्या है.
चौधरी ने कहा कि सदन चलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है बल्कि कुर्सी पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी है. अगर वे लायक हैं तो चलाएंगे, नालायक है तो नहीं चलाएंगे.
#WATCH | Congress MP Renuka Chowdhury says, "We make all efforts from our end to run the House because the public expects us to raise their voice here strongly. If the Govt wants to run the House, it will function. If they do not want that, then everyone knows what the conspiracy… pic.twitter.com/mpct1x9Mhy
— ANI (@ANI) December 3, 2024
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