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न्यूज़ क्रेडिट: जी
नई दिल्ली: भारत का राष्ट्रपति यानी देश का प्रथम नागरिक.. पद जितना गौरवशाली है, उसका चुनाव उतना ही पेंचीदा होता है. देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है और इस कार्यकाल के खत्म होने से पहले ही देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव की तारीखों का ऐलान पहले ही किया जा चुका है. ऐसे में NDA और UPA अपने उम्मीदवारों के नाम को लेकर तैयारी शुरू कर चुके हैं.
सबसे पहले विपक्ष की बात बताते हैं, जहां अब तक तीन नेताओं को देश का प्रथम नागरिक बनने का ऑफर दिया गया. लेकिन तीनों ने ही राष्ट्रपति पद के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई. हाल ही में महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को ये ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस पद की दौड़ में शामिल होने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि 'मैं विपक्ष का अत्यंत आभारी हूं, लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्रीय सहमति और विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय माहौल तैयार करे. मुझे लगता है कि और भी होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर करेंगे और इसलिए मैंने नेताओं से अनुरोध किया है कि ऐसे किसी व्यक्ति को अवसर दें. भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले जिसकी अध्यक्षता राजाजी सी राजागोपालाचारी ने अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में की और जिसका उद्घाटन डॉ राजेंद्र प्रसाद ने हमारे पहले राष्ट्रपति के रूप में किया.'
इस बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक भी जारी है.
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