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आपदा में अवसर
महाराष्ट्र के नागपुर से पुलिस ने एक ऐसे फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, जो कोरोनाकाल का फायदा उठाकर कोरोना का डॉक्टर बन गया. पुलिस ने आरोपी फर्जी डॉक्टर के पास से ऑक्सीजन सिलेंडर और सिरींज समेत कई मेडिकल डिवाइस बरामद की हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपी कभी फल और आइस्क्रीम बेचने का काम किया करता था, लेकिन बाद में उसने अपना दवाखाना खोल लिया और लोगों का इलाज करने लगा. पुलिस के मुताबिक, पिछले 5 साल से वो अपना दवाखाना चला रहा है.
मामला नागपुर के कामठी इलाके का है, जहां फल और आइस्क्रीम बेचते-बेचते एक व्यक्ति ने अपना दवाखाना खोल लिया. हैरानी की बात तो ये है कि वो पिछले 5 साल से अपना दवाखाना चला भी रहा है और फर्जी डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज भी कर रहा है. पुलिस की पकड़ में आए इस फर्जी डॉक्टर का नाम चंदन नरेश चौधरी है.
पुलिस ने बताया कि फर्जी डॉक्टर बना चंदन नरेश पहले फल बेचने का काम करता था. उसके बाद इलेक्ट्रिशियन बन गया. बाद में आइस्क्रीम भी बेची. लेकिन पिछले 5 साल से ये ओम नारायण बहुउद्देशीय संस्था की ओर से धर्मार्थ दवाखाना चला रहा है. इस दवाखाने में आयुर्वेदिक नेचुरोपैथी पद्धति से इलाज किया जा रहा था.
कामठी पुलिस थाने के सीनियर इंस्पेक्टर विजय मालचे ने बताया कि एक फर्जी डॉक्टर है, जिसके पास कोई सर्टिफिकेट नहीं है, लेकिन वहां कई लोगों का इलाज चल रहा है. शिकायत के आधार पर पुलिस की टीम ने वहां दबिश दी. उन्होंने बताया कि डॉक्टर के पास से कुछ सर्टिफिकेट मिले हैं. उनकी जब जांच की तो पता चला कि वो नेचुरोपैथी के सर्टिफिकेट हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी बिहार का रहने वाला है, जो 10-12 साल पहले यहां आया था. यहां आकर उसने फल-आइस्क्रीम बेचे. उसके बाद उन्होंने नेचुरोपैथी का डिप्लोमा किया और दवाखाना शुरू कर दिया. जब उसने देखा कि यहां के लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है, तो उसने खुद को डॉक्टर की तरह पेश किया.
पुलिस की मानें तो जब कोरोना संक्रमण आया, तो इस फर्जी डॉकटर ने कोरोना का इलाज करना भी शुरू कर दिया. बाद में पुलिस को जब इस फर्जी डॉक्टर की शिकायत मिली तो पुलिस ने दवाखाने में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी चंदन नरेश के खिलाफ महाराष्ट्र प्रैक्टिशनर कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी के पास से आक्सीजन सिलेंडर और सिरींज समेत कई मेडिकल डिवाइस बरामद किए गए हैं.
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