भारत

स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल: पांच सिलेंडर बदले गये किसी में नहीं था ऑक्सीजन, और फिर मरीज के साथ हुए ये...

jantaserishta.com
28 Jun 2021 5:15 AM GMT
स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल: पांच सिलेंडर बदले गये किसी में नहीं था ऑक्सीजन, और फिर मरीज के साथ हुए ये...
x

उन्नाव: उन्नाव के जिम्मेदार अधिकारी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कितने तैयार हैं और उनकी तैयारियां कितनी पूरी है, इसकी बानगी उन्नाव जिला अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में देखने को मिली. जहां सांस लेने की समस्या के चलते भर्ती हुए एक मरीज को ऑक्सीजन तक मय्यसर नहीं हुई. मरीज को ऑक्सीजन लगाने के लिए लाए गए 5 ऑक्सीजन सिलेंडरों में ऑक्सीजन ही नहीं निकली. जिसके बाद मरीज की हालत बिगड़ने शुरू हो गई. इस संबंध में परिजनों ने डीएम को फोन कर मामले की जानकारी दी तो डॉक्टर ने बेहतर इलाज उपलब्ध करवाने के बजाय मरीज को ही रेफर कर दिया.

पांच सिलेंडर बदले गये किसी में ऑक्सीजन नहीं
कोरोना की दूसरी लहर बीतने के बाद भी जिम्मेदार ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर गंभीर नज़र नहीं आ रहे हैं. उसी का नतीजा है कि, आज देर रात उन्नाव शहर के रहने वाले मनीष अग्रवाल सांस लेने की दिक्कत के चलते जिला अस्पतला पहुंचे थे. जहां उन्हें सांस लेने की दिक्कत के बाद ऑक्सीजन लगाई गई, लेकिन वो ऑक्सीजन सिलेंडर ही खाली निकला. एक के बाद एक पांच सिलेंडर बदले गए लेकिन सभी ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं रही. जिसके बाद मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो परिजनों ने मामले की जानकारी डीएम को फोन कर दी. तो एमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर सब सही होने की बात कहते नज़र आये. मामला जिलाधिकारी तक पहुंचने के बाद मरीज मनीष अग्रवाल को आनन-फानन में कानपुर रेफर कर दिया गया. ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की हालत लगातार बिगड़ती गई. कोविड की तीसरी लहर को लेकर उन्नाव जिला प्रशासन कितना तैयार और सजह है ये आज की घटना ने बता दिया. जब इस समय जिला प्रशासन, जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं करवा सकता तो आने वाले दिनों में कोरोना की तीसरी लहर से कैसे लड़ेगा?
वहीं, इस मामले पर जब एमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, मरीज सांस लेने की दिक्कत को लेकर आया था. मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन 88 है. उन्हें हाई शुगर की समस्या है, इन्सुलिन दे दी गई है. वहीं, जब डॉक्टर साहब से ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन न होने की बात की गई तो उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से साफ इंकार कर दिया. डॉक्टर साहब मामले पर पर्दा डालने में जुट गए और उन्होंने बताया कि मरीज को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं है, उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 98 है. जबकि पहले डॉक्टर साहब ने खुद कहा कि मरीज सांस की दिक्कत के चलते आया है. ऑक्सीजन लेवल 88 कम है. डॉक्टर साहब 5 सिलेंडर बदले जाने के पूरे मामले में पर्दा डालते हुए कहते हैं कि. ये मरीज का अपना ओपिनियन हो सकता है. ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. जिसके बाद अंत में डॉक्टर साहब ने मामले में लीपापोती करते हुए मरीज मनीष अग्रवाल को कानपुर रेफर कर दिया.


Next Story