मुंबई। प्रधानमंत्री मोदी किसानों की फसल को दोगुना दाम देने की घोषणा तो पहले ही कर चुके है, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह सिर्फ किसान ही जानता है। अबतक आपने फसल का सही दाम नहीं मिलने से नाराज किसान को टमाटर और सब्जी फेंकते हुए या उसपर ट्रैक्टर चलाते हुए देखा होगा, लेकिन विदर्भ के बुलढाणा जिले के शेगाव के किसान कैलास पिंपले ने सही मार्किट दाम नहीं मिलने जनता को 200 क्विंटल से भी ज़्यादा प्याज मुफ़्त बाट दिया।
शेगाव के मालीनगर में रहने वाले किसान किसान कैलास पिंपले ने अपने 2 एकड़ खेत में प्याज की पैदावार की। इस प्याज की लागत प्रति किलो 8 रुपये आयी, लेकिन इस फसल को लेकर कैलास जब मार्किट में पहुंचे तो उन्हें प्रति किलो 4 रुपये का भाव मिल रहा था। नुकसान में प्याज बेचने से भला वह प्याज महंगाई से जूझ रही जनता को कैलास ने मुफ़्त में बांट दी। कैलास को प्याज की पैदावार में 2 लाख रुपये की लागत लगी।
महाराष्ट्र में पारा 46 डिग्री तक पहुंच चुका है। कड़ी धूप में प्याज खराब ना हो इसलिए कई किसान अपना प्याज कम दाम में बेचने को मजबूर है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रविकांत तुपकर का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियां किसानों के ख़िलाफ़ है, उसकी कारण प्याज उत्पादक किसान मौत वे कगार पर खड़ा है। तुपकर ने मांग की है कि प्याज को फसल का दर्जा मिले और उसे एमएसपी के अंदर लाया जाय, तभी किसानों को फायदा मिलेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो स्वाभिमानी शेतकरी संगठन महाराष्ट्र में आंदोलन करेगी।
मुंबई - प्याज के सही दाम ना मिलने से नाराज किसान ने 200 क्विंटल प्याज मुफ़्त बांटे, प्याज बटोरने के लिए उमड़ी भीड़#Maharashtra @OfficeofUT @INCMumbai pic.twitter.com/IuGhsAkDiN
— Gaurav Singh (@gauravsingh1307) May 16, 2022